माल मंगाने व भेजने के लिए अलग से करानी होगी बुकिंग

यूपी रोडवेज की सभी बसों से हटे स्टैंड रूफ और सीढ़ी

Meerut। रेलवे की तर्ज पर अब रोडवेज कुरियर व पार्सल के लिए अलग से व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। जिसमें बस में माल लाने व ले जाने के लिए अब बुकिंग करानी होगी। इसके बाद आपके माल को सुरक्षित उसके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रोडवेज की होगी। इस योजना के तहत राज्य से बाहर भी आसानी से पार्सल भेजा जा सकेगा।

कंपनी भेजेगी पार्सल

इस योजना के तहत रोडवेज ने श्री सांई श्रृद्धा कार्गो प्रा। लिमिटेड से अनुबंध किया है। जिसके अनुसार परिवहन निगम कंपनी के काउंटर से यात्रियों द्वारा बुक किए पार्सल को उसके गंतव्य तक पहुंचाएगा। कंपनी के यह काउंटर्स भी रोडवेज बस अड्डे पर ही बनेंगे। हालांकि अभी इन काउंटर्स की संख्या या जगह का निर्धारण नहीं किया गया है।

एसएमएस होगी बुकिंग

पार्सल बुक कराते समय पार्सल भेजने वाले और पाने वाले का मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा। बुकिंग होते ही दोनों के मोबाइल नंबर पर बुकिंग की सूचना व डिटेल्स भेज दी जाएंगी।

वजन अनुसार होगा दाम

पार्सल का बुकिंग का रेट उसके वजन और दूरी के हिसाब से तय होगा। इसके साथ ही 15 रूपये अतिरिक्त देकर पार्सल का बीमा करने की सुविधा भी मिलेगी। बीमा कराने के बाद यदि माल मे किसी प्रकार का नुकसान होता तो बुकिंग फर्म द्वारा ही नुकसान की भरपाई की जाएगी।

हटे रूफ स्टैंड

पार्सल सेवा को कंट्रोल करने के लिए रोडवेज ने सबसे पहले यूपी रोडवेज की सभी बसों से रूफ स्टैंड और सीढ़ी को हटाना शुरू कर दिया है। ताकि बसों में चालक-परिचालक अपनी मर्जी से माल ना ले जा सकें।

सभी बसों से रूफ स्टैंड हटाए जा रहे हैं। बसों की छत पर चालक-परिचालक अपनी मर्जी से माल रखकर ट्रांसपोर्ट करते हैं। इससे विभाग के राजस्व का को नुकसान हो रहा था। अब केवल पार्सल बुकिंग के माध्यम से ही माल भेजा जाएगा।

रमेश चंद, सीनियर स्टोर इंचार्ज, रोडवेज

अभी तक तो बस के अंदर और ऊपर दोनों जगह माल भरा होता था। इससे बस में अगली सीटों पर बैठने में बड़ी दिक्कत होती थी। यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से भी यह योजना अच्छी है।

शहजाद

चालक-परिचालक अपनी मर्जी से यात्रियों की सीट पर भी जबरन माल रखकर ले जाते हैं। अब इस योजना के बाद कम से कम इस मनमानी पर तो रोक लगेगी।

वरुण

आमतौर पर रोडवेज बसों की छत पर भारी माल रखने से छत को नुकसान भी होता है। कई बार यात्री माल के साथ बस की छत पर बैठकर सफर करते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना भी बढ़ जाती है।

ललित