-पूर्वोत्तर रेलवे जोन के प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक ने जारी किए आदेश

बरेली : जुगाड़ भिड़ाकर अधिकारियों से रेलवे आरक्षण में आपातकालीन कोटा लगवाना आसान नहीं होगा. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रेलवे बोर्ड ने प्रक्रिया को सख्त बनाया है. अब ब्रांच अफसर या मंडल के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जैसे सीनियर डीसीएम, सीनियर डीओएम या इससे ऊपर के अधिकारी ही आपातकालीन कोटा लागू करने के लिए अधिकृत होंगे.

पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक आलोक सिंह की ओर से इज्जतनगर मंडल समेत जोन के सभी मंडलों के लिए नई व्यवस्था के संबंधित आदेश जारी किए गए हैं. रेल अफसरों के मुताबिक, जल्द ही उत्तर रेलवे में भी यही नियम लागू हो जाएगा.

अभी तक यह थी व्यवस्था

रेलवे कर्मियों के लिए मुख्यालय आपातकालीन कोटा जारी करता है. ओरिजिनेट (आरंभिक) स्टेशन पर संबंधित मंडल की सीट ज्यादा, जबकि रूट पर पड़ने वाले स्टेशन से संबंधित मंडल पर कुछ कम होती हैं. इन सीटों पर अभी तक किसी ब्रांच के जूनियर अधिकारी भी साइन कर (रिकमंड) आपातकालीन कोटे के लिए अग्रेषित कर देते थे.

ट्रेनों में जांच के लिए स्पेशल टीम

आदेशों में सीसीएम पूर्वोत्तर रेलवे ने किसी भी आपातकालीन कोटा की मांग करने वाले मुसाफिर के प्रार्थना पत्र जांचने को भी कहा है. इसके अलावा ट्रेनों पर भी हकीकत जांचने के लिए विशेष टीम औचक निरीक्षण करेगी.

आरटीआइ से सामने आई गड़बड़ी

आपातकालीन कोटा की औचक जांच में कमियां मिलने के साथ ही गैर रेलवे से जुड़े लोगों ने भी कोटे पर सवाल उठाए थे. पूर्व में इज्जतनगर मंडल से एक रिटायर्ड रेलवेकर्मी का बेटा भी पर्सनल आइडी पर रेलवे आरक्षण के कारोबार में संलिप्त मिला था. जांच में कोटा के जरिये भी सीट आरक्षित करने की बात सामने आई थी. वहीं, सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के तहत आपातकालीन कोटा से संबंधित सूचनाओं ने भी खेल उजागर किया.