ALLAHABAD: जुलाई का महीना बरसों बाद लोगों के लिए राहत लेकर आया। 11 जुलाई के आसपास जो सिलसिला शुरू हुआ, वह सावन की शुरुआत में भी जारी रहा। ऐसे में कई साल बाद सावन में पानी आसमान से टिपिर टिपिर करके बरसता नजर आया। लेकिन अगस्त आते ही मेघा मानो रूठे-रूठे नजर आ रहे हैं। तभी तो बारिश में कुछ दिनों के गैप ने लोगों को प्रेशर कुकर में डाल देने जैसा एहसास करा दिया। बीते दो दिनों से पूरा माहौल भापनुमा बना हुआ था। हालांकि रविवार को बरसात जरूर हुई, लेकिन शहर के चुनिंदा हिस्सों में।

35 डिग्री झेलना भी मुश्किल

जुलाई में लगातार कई दिनों तक दिनभर हुई बरसात ने टेम्परेचर को काफी पीछे धकेल दिया था। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों ही 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के भीतर रहा। लेकिन बारिश थमने और हल्की धूप का दर्शन होते ही पूरा मौसमी समां पलक झपकते बदल गया। पारे ने उछाल मारी और अब वह अधिकतम 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास आ चुका है। हालांकि, यह इतना ज्यादा नहीं है कि लोगों को गर्माहट का एहसास हो। लेकिन हवा में घुली भारी नमी और धूप के संयोजन के चलते अब लोगों के लिए इसे भी बर्दाश्त कर पाना मुश्किल लग रहा है। रविवार दोपहर हुई बारिश ने लोगों को मामूली राहत दी तो थोड़ा डरा भी दिया है। क्योंकि, बारिश तो हुई है। लेकिन इसके ज्यादा देर तक टिके न होने से एक बार फिर वही भाप जैसे हालात बनने के आसार हैं।