Cyclonic circulation है वजह
भारत मौसम विज्ञान विभाग, रांची सेंटर के डायरेक्टर जीके मोहंती ने बताया कि पिछले दो दिनों से मॉनसून कमजोर था, पर सैटरडे को बे ऑफ बंगाल में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने इसे मजबूती दे दी है। एटमॉस्फियर में मॉइश्चर था और तेज धूप से कन्वेक्टिव करेंट बना, जिससे बारिश हुई। उन्होंने बताया कि सर्कुलेशन का असर अगले दो दिनों तक झारखंड में रहेगा और इससे गरज के साथ बारिश होगी। इसकी वजह से इन दो दिनों के दौरान रांचीआइट्स को गर्मी से राहत मिलेगी।

पहाड़ों पर Monsoon का असर
भारत मौसम विज्ञान विभाग, रांची सेंटर के अनुसार साउथ-वेस्ट मॉनसून नागालैंड-मणिपुर-मिजोरम और त्रिपुरा तक फैला है। यह कोंकण, गोवा, केरला और छत्तीसगढ़ में एक्टिव है। नॉर्थ बे ऑफ बंगाल में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के असर से बे ऑफ बंगाल और उसके आस-पास लो प्रेशर एरिया भी बना हुआ है, जिसका असर झारखंड पर है। इसी वजह से यहां बारिश हुई। सैटरडे को रांची का दिन का टेंप्रेचर 33.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो नॉर्मल से 2 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। वहीं, रात का टेंप्रेचर 24.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो नॉर्मल से दो डिग्री ऊपर रहा। यही वजह है कि रांचीआइट्स को बारिश के बाद भी उमस का अहसास हुआ। अगले दो दिनों के मौसम का भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी फोरकास्ट के मुताबिक, दोनों दिन आसमान में बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ बारिश होगी।