छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की सफाई व्यवस्था की पोल दो दिनों से हो रही हल्की बारिश ने खोल कर रख दी है। हॉस्पिटल की बर्न यूनिट में एडमिट पेशेंट्स का ट्रीटमेंट सीवर लाईन के गंदे पानी के बीच हो रहा है। दरअसल लगातार बारिश से हॉस्पिटल के सभी नाली-नाले जाम हो गये है। इस कारण सीवर लाईन का गंदा पानी बारिश की पानी के साथ गुरुवार की ही रात बर्न यूनिट में घुस गया। इस यूनिट के सभी वार्ड में छह इंच से ज्यादा पानी जमा है।

तैरने लगे बेड के पहिए

बर्न यूनिट के बेड नंबर 6 में पत्नी का ट्रीटमेंट करा रहे शुक्रा सरदार ने बताया कि गुरुवार की रात 9.30 के आस-पास बारिश के साथ सीवर लाईन का गंदा पानी बर्न यूनिट में घुसने लगा। देखते-देखते बर्न यूनिट में भर्ती पेशेंट्स के बेड के पहिये पानी में तैरने लगे। शुक्रवार की सुबह 10 बजे बारिश के बंद होने के बाद पानी का स्तर घटने लगा। लेकिन शाम को फिर से शुरु हुई तेज बारिश के साथ ही सीवर लाइन समेत आस-पास के नाली-नालों का गंदा पानी भी बर्न यूनिट में घुस गया।

ट्रीटमेंट में हो रही परेशानी

बर्न यूनिट में बारिश के पानी के साथ नाली-नालों समेत सीवर लाईन का गंदा पानी घुसने के कारण एडमिट पेशेंट्स के ट्रीटमेंट में काफी दिक्कत आ रही है। बर्न यूनिट के इंचार्ज ललित मिंज ने बताया कि बर्न यूनिट में वैसे कई क्रिटिकल पेशेंट्स एडमिट है। बारिश के कारण पूरा हॉस्पिटल कैंपस का मल-मूत्र वाला गंदा पानी वार्ड समेत ड्रेसिंग रुम, स्टोर रुम, बाथ रुम आदि जगहों में घुसा हुआ है। जो कि गंदी बदबू भी दे रहा है।

बढ़ा इंफेक्शन का खतरा

बर्न वार्ड क्रिटिकल केयर माना जाता है। यहां पर बारिश व नाली की पानी घुसने से इंफेक्शन बढ़ने की संभावना काफी हद बढ़ जाती है और इससे पेशेंट्स की जान तक जा सकती है। बारिश के पानी वार्ड में घुसने से पेशेंट्स को शौचालय जाने में भी काफी दिक्कत हो रही है। इसी तरह, जीएनएम हॉस्टल के भी चारों तरह बारिश के पानी का जमाव हो गया है।

बिछाई गई ईंट

हॉस्पिटल के बर्न यूनिट में एडमिट पेशेंट्स को नर्स द्वारा इंजेक्शन व दवाईयां टाईम-टाईम पर देने के लिए पूरे बर्न वार्ड में जगह-जगह जमीन पर ईट बिछाया गया है। बर्न यूनिट में पानी के बीच रखे हुए इसी ईट पर पैर रख कर नर्स द्वारा पेशेंट्स को जरुरी दवाईयां व इंजेक्शन दिया जा रहा है।

टेबल पर बैठ गुजारी रात

पानी से लबालब बर्न यूनिट के नर्स रुम के टेबुल पर बैठकर डॉक्टर्स व स्टाफ ने शुक्रवार की पूरी रात गुजारी। वहीं सुबह होने पर वार्ड में चारों तरफ ईट रखकर पेशेंट्स तक पहुंच उनका ट्रीटमेंट किया गया। बर्न वार्ड में फिलहाल 12 पेशेंट्स एडमिट है।

हजारों रुपये की दवा व रूई बर्बाद

बर्न वार्ड के ऑपरेशन थियेटर, स्टोर, डॉक्टर रूम, नर्स रूप सहित सभी डिपार्टमेंट में पानी घुसने से उपकरण से लेकर दवा, रूई कॉटन सहित अन्य समान बर्बाद हो गए। स्टाफ का कहना है कि स्टोर में इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए रखे गए दवा, कॉटन, रूई, इंजेक्शन सहित अन्य समान भींग कर बर्बाद हो गया है। इसकी लागत करीब दस हजार बताया जा रहा है।

नये बर्न वार्ड बनकर तैयार

बर्न वार्ड के पीछे 10 बेड का नये बर्न वार्ड बनकर तैयार हो चुका है। लेकिन डिपार्टमेंट द्वारा अबतक अधिग्रहित नहीं किया गया है। कर्मचारियों का कहना है नये भवन में ऑपरेशन थियेटर से लेकर सभी सुविधाएं शामिल है।