-चंद बिल्डिंगों तक सीमित है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

ALLAHABAD: संगम नगरी इलाहाबाद में गंगा और यमुना के कछार तक लोगों ने आशियाना बना लिया है। मल्टी स्टोरी बिल्डिंगें खड़ी हो चुकी हैं। लेकिन पर्यावरण संरक्षण के साथ ही भूगर्भ जलस्तर के संरक्षण की किसी को परवाह नहीं है। शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बस फाइलों तक सिमट कर रह गया है। शहर में करीब 2.20 लाख भवन हैं। इसमें 90 फीसदी से अधिक भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम गायब है।

गिर रहा है जलस्तर

संगम नगरी इलाहाबाद में हर साल 60 से 62 सेमी। भूगर्भ जलस्तर गिर रहा है। भूगर्भ जल विभाग की ओर से जारी आंकड़े इस सच्चाई को खुद बयां कर रहे हैं। ऐसे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की बेहद आवश्यकता महसूस की जा रही है। बारिश शुरू होते ही नाले-नालियां ओवरफ्लो हो जाते हैं। इसकी वजह ये है कि बारिश के पानी को संचित करने की व्यवस्था न होने से पानी सीधे नाले-नालियों के माध्यम से बह जाता है। यदि घरों की छत पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे हों तो दोहरी समस्या से निजात पाई जा सकती है।

मॉनीटरिंग की जरूरत

एडीए द्वारा 200 वर्गमीटर से ज्यादा क्षेत्रफल के आवासीय भवनों का नक्शा पास तभी पास किया जाता है, जब संबंधित आवास में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था हो। मुश्किल ये है कि नक्शा पास हो जाता है, लेकिन हार्वेस्टिंग सिस्टम नदारद रहता है। बेहद जरूरी है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया जाए।

फैक्ट फाइल

80 वार्ड शहर में

02 लाख 15 हजार मकान नगर निगम के रिकार्ड में हैं दर्ज

90 फीसदी घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं

40 फीसदी सरकारी कार्यालयों में भी गायब है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

4 से 5 सेमी तक बढ़ सकता है भूगर्भ जलस्तर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से

1 हजार लीटर पानी बचाया जा सकता हजार वर्गमीटर की छत से

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के फायदे

1. गिरते भूगर्भ जलस्तर में सुधार

2. नाले-नालियों में बहकर नहीं बर्बाद होगा बारिश का पानी

3. सड़कों पर होने वाले जलभराव की समस्या से निजात

4. हर वक्त उपलब्ध रहेगा शुद्ध पानी

वर्जन

गंगा-यमुना के किनारे बसा होने के बाद भी इलाहाबाद का भूगर्भ जलस्तर तेजी से गिर रहा है। एडीए द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के नियमों का सख्ती से पालन कराना होगा। जो भी भवन इस दायरे में आ रहे हों, वहां अगर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं हैं तो कार्रवाई करते हुए सिस्टम लगवाया जाए।

-अभिलाषा गुप्ता

मेयर, इलाहाबाद

200 वर्ग मीटर एरिया वाले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कम्पलसरी है। बगैर इसके नक्शा पास नहीं किया जा सकता है। समय-समय पर इसकी जांच कराई जाती है। सिस्टम न मिलने पर कार्रवाई की जाती है।

-पीएन यादव

जनसंपर्क अधिकारी

एडीए