- अधिकांश सरकारी कार्यालयों में लगे हैं रैन वॉटर हार्वेस्टिंग

- टूटे-फूटे सिस्टमों से पानी रोकने में असफल

आगरा। विश्वविख्यात ताजनगरी की सबसे बड़ी समस्या पानी है। यहां हवा से ज्यादा प्रदूषित पानी है। वहीं, गिरता भूगर्भ जलस्तर बूंद-बूंद पानी को तरसा देगा। इससे निपटने के लिए बारिश के पानी को बचाना विकल्प है। लेकिन बारिश के पानी सहेजने में अफसरों ने संजीदगी नहीं दिखाई है।

खराब पड़े हैं सिस्टम

कागजों में दर्ज कराने के लिए सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूर लगा लिए, लेकिन उनके कामकाज और रखरखाव पर ध्यान तक नहीं दिया। नतीजन अधिकांश कार्यालयों के सिस्टम खराब पड़े हैं। कहीं पाइप टूट गए हैं, तो कहीं पूरा हार्वेस्टिंग सिस्टम ही चोक है। अधिकारियों की बेपरवाही से इस बार भी बारिश का पानी संजोया नहीं जा सकेगा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सरकारी कार्यालयों केवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का जायजा लिया, तो सच्चाई सामने आ गई।

1- नगर निगम कार्यालय

नगर निगम कार्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पूरी बिल्डिंग में लगाया गया है। लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि छत से जमीन तक पाइपों को कई जगह जोड़ा नहीं गया है। बारिश के दौरान छतों का पानी पूरी तरह बर्बाद हो जाता है। आयुक्त कार्यालय बिल्डिंग में सिस्टम की पाइप लाइन छत से नीचे तक बिछाई गई है। लेकिन टैंकों से जोड़ी नहीं गई है। इससे अनमोल पानी बर्बाद होगा।

2- विकास भवन कार्यालय

विकास भवन कार्यालय में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम बनाया गया है। छतों का पानी जमीन में संचय करने के लिए जगह-जगह हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किए गए हैं। जमीन पर पानी स्टोर के लिए टैंक बनाए गए हैं। छतों से नीचे तक पाइप लाइन भी बिछाई गई है, लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि टैंकों तक पाइप लाइन को जोड़ा नहीं गया है। इससे छतों का पानी व्यर्थ में बह जा रहा है, लेकिन अधिकारी बेफिक्र हैं।

3- एसएन पोस्टमार्टम का सिस्टम धड़ाम

एसएन हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम में भी बारिश का पानी संजोने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाया गया। ये भी लापरवाही की भेंट चढ़ चुका है। पानी बचत के टैंक कचरा से भर चुके हैं। पूरा सिस्टम ही खत्म हो चुका है। पानी जगह-जगह भरता है। इस बार भी बारिश में लाखों लीटर पानी की बर्बादी होगी।