- बारिश के बाद भी उमस से राहत नहीं, अगले दो दिन में भारी बारिश होने की सम्भावना

- पिछले 10 वर्षो के मुकाबले मैक्सिमम टेम्प्रेचर रहा कम तो मिनिमम टेम्प्रेचर रहा सबसे अधिक

BAREILLY:

शहर के अलग-अलग हिस्सों में हो रही खंड वर्षा मानसून के जमकर बरसने में अड़चन बन रही है। हल्की बारिश हो जाने से शहर में ठंडी हवाएं बहने लग रही है, जिसके चलते हाई टेम्प्रेचर और लो प्रेशर जोन नहीं बन पा रहा है। संडे को हुई खंड वर्षा में 6.2 एमएम की बरसात हुई। कुछ इलाकों में तेज बारिश होने से जलभराव भी हो गया, जिससे पब्लिक को दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। वहीं, बारिश से लोगों को क्षणिक राहत भर मिली। धूप खिलते ही उमस ने हाल बेहाल कर दिया।

मैक्सिमम और मिनिमम टेम्प्रेचर ने तोड़े रिकॉर्ड

संडे को हुई बारिश ने मैक्सिमम और मिनिमम टेम्प्रेचर के रिकॉर्ड तोड़ दिए। जुलाई महीने में जितना टेम्प्रेचर संडे को रहा उतना पिछले 10 वर्षो में कभी नहीं रहा। सुबह 11 बजे और दोपहर 3 बजे के करीब दो बार में हुई 6.2 एमएम बारिश के कारण मैक्सिमम टेम्प्रचेर 4.8 डिग्री गिरकर सबसे निचले स्तर 32.2 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं मिनिमम टेम्प्रेचर 27.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। अभी तक मैक्सिमम टेम्प्रेचर 35.2 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गया था। वह भी वर्ष 2008 में। जबकि, वर्ष 2011 में मिनिमम टेम्प्रेचर 24.2 डिग्री सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया था।

ड्रेनेज सिस्टम की खुली पोल

मानसून की पहली बारिश ने नगर निगम के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी। सिकलापुर, कटराचांद खां, जगतपुर, नवादा शेखान आदि एरिया में जलभराव हो गया। नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर रोड पर आने लगा। जिसके कारण स्थानीय लोगों व राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वेदर एक्सपर्ट डॉ। एचएस कुशवाहा ने बताया कि अगले दो दिनों तक बादल बने रहने से बारिश होने की उम्मीद है।

अतिक्रमण के मलबे ने रोका पानी

बारिश में पब्लिक के लिए नगर निगम की लापरवाही भी समस्या का सबब बन रही है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान नगर निगम ने नालियों पर बने पक्के निर्माण को तोड़ा था, लेकिन उनका मलबा नहीं हटाया। नतीजा यह है कि यही मलबा जलभराव की वजह बन रहा है।