फतेहपुर के मलवां के पास हुए कालका मेल हादसे के ठीक 8वें दिन संडे को एक बार फिर उसी ट्रैक पर रामवां स्टेशन के पास डीरेलमेंट हुआ। शुक्र है कि मामला स्टेशन के पास का ही था इसलिए पीछे से आती ट्रेनों को लूप लाइन से पास कर दिया गया। कुछ समय बाद इसी ट्रैक से जोधपुर-हावड़ा मेल और कई अन्य ट्रेनें गुजरनी थीं.

Gearbox टूटा

फतेहपुर के रामवां स्टेशन के पास संडे को इलाहाबाद जा रही जो गुड्स ट्रेन डीरेल होने की वजह इंजन का गीयरबॉक्स टूटना बताई जा रही है। रमवां के स्टेशन मास्टर आरएल यादव ने बताया कि इंजन का गीयर बॉक्स मालगाड़ी के कोच में फंस गया था। गीयर बॉक्स फंसने पर मालगाड़ी के कोच का पहिया जाम हो गया। कुछ दूर तक पटरी पर रगडऩे के बाद पहिया टूटकर अलग हो गया और एक-एक करके चार पहिए पटरी से उतर गए। ये तो अच्छा हुआ कि दूसरी ट्रैक पर कोई ट्रेन नहीं थी और मालगाड़ी ज्यादा रफ्तार पर नहीं थी। डीरेलमेंट ज्यादा स्पीड पर होता तो मलवां हादसे की तरह डिब्बे उछलकर दूसरी ट्रैक पर गिरते और हादसा बड़ा हो जाता.

Down track पर हुआ हादसा

कालका मेल हादसा पिछले संडे को 12.20 बजे हुआ था। मालगाड़ी का डीरेलमेंट 12.12 बजे हुआ। पिछली बार दो दिन ट्रैक बाधित रहा था मगर इस बार गाडिय़ां लूप लाइन से निकालने का ऑपशन मिल गया। एनसीआर के सीपीआरओ संदीप माथुर के मुताबिक मालगाड़ी के एक वैगन से कुछ आवाज आ रही थी। उन्होंने इस बात की संभावना जताई है कि उसी वैगन के पहिए ट्रैक से उतरे होंगे जहां से आवाज आ रही थी। उन्होंने बताया कि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है. डीरेलमेंट की वजह से ट्रैक पर भी कोई इफेक्ट नहीं पड़ा है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों के आने-जाने में कोई प्रॉब्लम नहीं है.

50Km थी speed

जिस वक्त मालगाड़ी डीरेल हुई उसकी स्पीड 50 किलोमीटर प्रति घंटा थी। कालका मेल की स्पीड 108 थी। कुछ गुड्स ट्रेनों की स्पीड 100 किलोमीटर पर आवर के आस-पास होती है। इन ट्रेनों को रॉकेट के नाम से जाना जाता है। ट्रैक क्लीयर होने और वैगन खाली होने पर ये टे्रनें 100 किलोमीटर पर ऑवर की स्पीड से दौड़ती हैं। टेक्निकल एक्सपर्ट इस डिरेलमेंट की वजह वैगन के पहिए के जाम होना बता रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि पूरा मामला इन्वेस्टिगेशन के बाद ही सामने आएगा। रेलवे के टेक्निकल एक्सपर्ट के मुताबिक मामूली डिरेलमेंट जिसमें कोई जनहानि न हो और उससे रेलवे को कोई बड़ा नुकसान न हो तो उसे नॉर्मल एक्सीडेंट माना जाता है। कालका मेल हादसा सीरियस एक्सीडेंट्स की कैटेगरी में आता है। इस हादसे में कई लोगों की जान गई थी। रेलवे को भी बहुत नुकसान हुआ था.