पढाई में मन नहीं
रंगमंच अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के सबसे बड़े बेटे राज कपूर का जन्म पेशावर में हुआ था। हालांकि इनकी शिक्षा कोलाकाता में हुई। राजकपूर का मन पढाई में थोड़ा कम लगता था।
अभिनय विरासत में
राजकपूर को अभिनय विरासत में मिला था। वह बचपन से ही अपने पिता के साथ रंगमंच पर जाया करते थे। जिससे इन्होंने काफी कम उम्र में रंगमच पर काम शुरू कर दिया था।
थप्पड़ भी खाए
राजकपूर ने शुरू में केदार शर्मा जैसे निर्देशकों के साथ काम किया। केदार शर्मा ने राज कपूर को क्लैपर ब्वॉय के रूप में भरती किया था। इस काम में राजकपूर ने थप्पड़ भी खाए।
इंकलाब से शुरुआत
राज कपूर ने बाल कलाकार के रूप में 'इंकलाब' फिल्म की। वहीं बतादें जिन केदार शर्मा उन्हें थप्पड़ मारा था उन्होंने बाद में राजकपूर को अपनी फिल्म नीलकमल में लिया था।
पत्नी नरगिस संग
राजकपूर ने फिल्म आग से 24 साल की उम्र में निर्देशन का काम शुरू किया था। अभिनेता राज कपूर और अभिनेत्री नर्गिस ने 9 वर्ष में करीब डेढ दर्जन फिल्में की हैं।
गाने लोकप्रिय हुए
वहीं राज कपूर की फिल्मों के कई गानें राज कपूर की भी लोकप्रिय हुए। जिनमें 'मेरा जूता है जापानी'... और 'ए भाई ज़रा देख के चलो'...जैसे गाने आज भी लोग गाते हैं।
दिलीप की बारात
राज कपूर का दिलीप कुमार की शादी में मस्ती करना लोगों को खूब पसंद आया था। इस दौरान उन्होंने अपने पिता के साथ उनकी बारात की अगुवाई की थी। एक्टर देवआनंद भी उनके साथ थे।
रियल सीन दिखा
फिल्म बॉबी में फिल्म बॉबी के सीन में जब पहली बार डिंपल ऋषि के लिए दरवाजा खोलती हैं तब चेहरे पर आटा लगा होता है। यह राजकपूर और नगरिस की रियल स्टोरी थी।
सफेद साड़ी जरूर
राज कपूर ने बचपन में एक महिला को सफेद साड़ी में देखा तो उनका दिल उस पर फिसल गया। पसंदीदा रंग होने की वजह से वे अपनी फिल्मों में अभिनेत्रियों को सफेद साड़ी जरूरी पहनाते थे।
अलविदा कहा
दादा साहब फाल्के जैसे पुरस्कार पा चुके राजकपूर ने 2 मई, 1988 को इस दुनिया को अलविदा कहा था। आज उनके आगे की पीढियां अभिनय की दुनिया में छाई हैं।
Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk