शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने राजभवन में कुंडा के विधायक राजा भैया को मंत्री पद की शपथ दिलाई.

डीएसपी ज़िया उल हक़ हत्याकांड में सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद से ही राजा भैया के मंत्री बनने के क़यास लगाए जा रहे थे.

अखिलेश सरकार ने इससे पहले 18 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार किया था. राज्य में इस समय 58 मंत्री हैं.

क्या थे आरोप?

सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के क़रीब तीन महीने बाद अब सपा नेतृत्व ने राजा भैया को फिर से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है.

राजा भैया का नाम उत्तरप्रदेश के बाहुबली नेताओं में शुमार होता है.

वो उत्तर प्रदेश के कुंडा से पांच बार विधायक रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के अलावा समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

इससे पहले वह वो अखिलेश सरकार में खाद्य मंत्री थे. लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था.

पुलिस अधिकारी ज़िया उल हक़ के परिजनों ने उनकी हत्या में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया का हाथ होने का आरोप लगाया था.

इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुंडा में जाकर कहा था कि पुलिस अधिकारी ज़िया उल हक़ समेत तीन लोगों की हत्या के मामले की पूरी तरह जांच की जाएगी जिसमें सभी बातें निकल कर सामने आएंगी.

राजा भैया ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार कर दिया था.

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