RANCHI : और खत्म हो गया एक साल का इंतजार। जब आम लोग भी राजभवन गार्डेन का नजारा देखने पहुंचे। गुरुवार को राजभवन गार्डेन स्कूली बच्चों के लिए सुबह साढ़े दस बजे से खोल दिया गया। म् फरवरी से गार्डेन आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। साथ ही क्भ् फरवरी तक लोग गार्डेन में लगे पेड़ पौधों का नजारा देख सकेंगे। गुरुवार को बच्चों ने गार्डेन में रहकर फूल और पेड़ों की अनेक दुर्लभ प्रजातियों को देखा और उनके बारे में जाना। इस बीच सबसे ज्यादा क्रेज फाउंटेन और गार्डेन के पास फोटो क्लिक और सेल्फी लेने को लेकर दिखा। पहले दिन रांची व आसपास के विभिन्न स्कूलों से आए फ्,म्भ्9 बच्चों ने राजभवन गार्डेन में मस्ती की।

गुलाब देखने के लिए एक्साइटेड थे बच्चे

हर बार की तरह इस बार भी गुलाब के फूल देखने के लिए बच्चें एक्साइटेड दिखे। गार्डेन सुप्रीटेंडेट अब्दुस सलाम ने बताया कि गुलाब के क्फ् हजार पौधे गार्डेन में लगाए गए है। इन पौधों को खड़गपुर से लाया गया है। सलाम ने दिसंबर में खड़गपुर जाकर पौधों का सेलेक्शन किया था। सवा महीने की मेहनत के बाद फूलों से राजभवन गुलजार हो गया। गार्डेन में म्यूजिकल फाउंटेन देख बच्चे खुश नजर आए। इसके साथ ही परिसर में अकबर उद्यान, महात्मा गांधी औषधीय उद्यान, मूर्ति उद्यान और अशोक उद्यान में सीजनल फूलों के साथ दुर्लभ प्रजाति के पेड़ और फलों को भी लोगों ने देखा।

डीपीएस में रिजनल लेवल साइंस एग्जीबिशन

सीबीएसई के निर्देशन में तीन दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी की शुरुआत गुरुवार को डीपीएस में की गई। प्रदर्शनी का उद्घाटन चीफ गेस्ट यल टैक्स ट्रिब्यूनल के चेयरमैन संजय प्रसाद ने किया। विज्ञान प्रदर्शनी में रिजनल लेवल के फ्0 स्कूलों ने पार्टिसिपेट किया। जिसमें भ्भ् प्रोजेक्ट्स को डिस्प्ले किया गया। स्टूडेंट्स में साइंस और मैथ्स के प्रति रुचि जगाने के उद्देश्य से प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी में क्लास म्-क्ख् तक के स्टूडेंट्स ने समाज में गणित और विज्ञान से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बनाए। प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए रांची समेत कई स्कूलों के स्टूडेंट्स, टीचर्स और उनके पैरेंट्स ने शामिल होकर बच्चों का उत्साह बढ़ाया।

बच्चों ने सोलर एनर्जी पर भी बनाए मॉडल

विज्ञान प्रदर्शनी में ऑटोमोबाइल मॉडल को सबसे ज्यादा सराहना मिली। स्टूडेंट्स ने ऐसे ऑटोमोबाइल का मॉडल तैयार किया था जो ईरेगुलर सड़क पर ही नहीं पठारी क्षेत्रों में भी चलकर रक्षा क्षेत्र में उपयोगी हो सकता है। वहीं सोलर एनर्जी से चलने वाले मॉडल और इलेक्ट्रिसिटी कंजर्वेशन पर भी मॉडल पेश किए गए। मोबाइल एज में चलते हुए किसी भी सेलफोन को चार्ज कर सेहत बनाए रखने के कंसेप्ट को भी काफी सराहना मिली। विज्ञान प्रदर्शनी में जज बीआइटी मेसरा के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की डा.वंदना भट्टाचार्य, डा। जी साहू, डा। पीके चौधरी, डा। बीके जायसवाल मौजूद थे।