राजेश श्रीवस्तव हत्याकांड में जांच की धीमी गति को लेकर वकीलों में आक्रोश

ALLAHABAD: अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव की हत्या में शामिल शूटरों तक पहुंचने में पुलिस अभी नाकाम है। इसे लेकर वकीलों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को भी अधिवक्ताओं ने हत्याकांड के विरोध में हड़ताल जारी रखी। वकीलों की हड़ताल के कारण जिला कचहरी में सन्नाटा पसरा रहा। शूटरों की गिरफ्तारी न होने पर अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल भी उठाए हैं।

गिरफ्तारी नहीं होने पर जताया आक्रोश

जिला अधिवक्ता संघ भवन पर गुरुवार सुबह 11 बजे अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी, मंत्री कृष्ण चंद्र मिश्रा व मनोज कुमार सिंह की मौजूदगी में आमसभा की बैठक हुई। इसमें पूर्व अध्यक्ष गिरीश तिवारी, राकेश तिवारी, पूर्व मंत्री हरिसागर मिश्रा, अनिल तिवारी, कौशलेश सिंह, अरुण पांडेय, प्रमोद सिंह, विनय सिंह, वरुण ंिसह, मंजेश शुक्ला, राधारमण मिश्रा, देवेंद्र मिश्रा, पप्पू सोहगौरा, दिलीप श्रीवास्तव, संतोष यादव, कुश पांडेय, विद्याभूषण, संजय गुप्ता, जीडी तिवारी, विजय वैश्य, विकास गुप्ता ने शूटरों की गिरफ्तारी न होने पर कड़ी नाराजगी जताई।

लापरवाही से नहीं टूटा पूरा स्लैब

अधिवक्ता लक्ष्मीकांत, नितिन दुबे, बृजेश ओझा, मनोज त्रिपाठी, जफर, अजय, आलोक, ईश्वरनाथ, राकेश ने कहा कि पुलिस की शिथिलता से शूटर नहीं पकड़े जा रहे है। वहीं नगर निगम व एडीए की लापरवाही से पूरा स्लैब नहीं तोड़ा जा सका। आमसभा में यह भी निर्णय लिया गया कि संघ भवन में शुक्रवार को फिर बैठक होगी। इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। उधर, हड़ताल के चलते कचहरी में सन्नाटा छाया रहा। वादकारी इधर-उधर भटकने के बाद मुकदमे में लगी अगली तारीख को नोट कर घर लौट गए। सिर्फ थानों से आने वाले आरोपितों की रिमांड कार्यवाही संबंधित न्यायिक अधिकारियों द्वारा की गई।