सदन में मंजूरी के बाद लागू हो चुका है रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क
दो प्रत्येक रजिस्ट्री पर नगर निगम वसूलता है दो परसेंट विकास शुल्क
वाराणसी नगर निगम का हवाला देकर लागू कराया गया आदेश
ALLAHABAD:
पार्षदों के विरोध और दबाव के चलते इस वित्तीय वर्ष में इलाहाबादियों को रेजीडेंशियल और कॉमर्शियल टैक्स के सरचार्ज से तो राहत मिल गई, लेकिन विकास शुल्क के साथ ही अब रजिस्ट्री के नामांतरण पर एक हजार से दस हजार नामांतरण शुल्क अलग से देना होगा। नगर निगम सदन में पार्षदों द्वारा पास किया गया यह आदेश लागू हो चुका है। इसके बाद पब्लिक पर एक्स्ट्रा बोझ पड़ना तय है।
विकास शुल्क पहले से ही
शासन द्वारा नगर निगम के वित्तीय बजट में कटौती किए जाने के बाद नगर निगम ने खाली खजाने को भरने के लिए एक के बाद एक टैक्स का बोझ डालना शुरू कर दिया है। शहर क्षेत्र में होने वाली प्रत्येक रजिस्ट्री पर नगर निगम दो परसेंट विकास शुल्क पिछले कई वर्षो से लेता चला आ रहा है। वहीं अब विकास शुल्क के साथ ही रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क भी लेने का आदेश जारी कर दिया गया है। जिसके लिए टैक्स सुपरिटेंडेंट ने वाराणसी नगर निगम में लिए जा रहे नामांतरण शुल्क का हवाला देते हुए इलाहाबाद में भी रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क लिए जाने का सुझाव दिया था।
पार्षदों ने नहीं किया विरोध
टैक्स सुपरिटेंडेंट के सुझाव पर नगर निगम के अधिकारियों ने कार्यकारिणी में प्रस्ताव रखा। जिसे कार्यकारिणी सदस्यों ने पास किया और फिर इलाहाबादियों की अगुवाई करने वाले पार्षदों ने सदन में भी इस निर्णय को पास कर दिया। जिसके बाद आदेश लागू हो चुका है।
इस तरह शुल्क वसूलेगा नगर निगम
- पांच लाख की रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क- 1000 रुपया
- पांच से दस लाख की रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क- 2000 रुपया
- 10 से 15 लाख की रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क 3000 रुपया
- 15 से 20 लाख की रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क 4000 रुपया
- 20 से 50 लाख की रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क- 5000 रुपया
- 50 लाख से अधिक की रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क 10,000 रुपया
--रजिस्ट्री पर नामांतरण शुल्क लेने का सिलसिला शुरू हो गया है। क्योंकि नगर निगम सदन में ही यह प्रस्ताव पास हुआ था।
देवेंद्र कुमार पांडेय
नगर आयुक्त
नगर निगम इलाहाबाद