अपनी फिल्मों में पिता-पुत्र के लिहाज से ये है राजकुमार हिरानी की फेवरेट मूवी
मुंबई(ब्यूरो)। राजकुमार हिरानी की फिल्मों की खासियत मानी जाती है कि उनके किरदार रियल होते हैं। राजकुमार हिरानी खुद मानते हैं कि उनकी फिल्मों के किरदार और किस्से कहीं न कहीं रियल लाइफ से जुड़े होते हैं। खास तौर पर पहली फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' से लेकर 'लगे रहो मुन्ना भाई', 'थ्री इडियट्स', 'पीके' और हाल ही में आई 'संजू' तक हिरानी पिता-पुत्र के रिश्तों को खास तौर पर कहानियों का हिस्सा बनाते हैं।
मेरे पिता थे मेरे दोस्त
मुंबई में हाल ही में इंडियन फिल्म एंड टीवी डायरेक्टर एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेते हुए राजकुमार हिरानी ने अपनी फिल्मों में पिता-पुत्रों के संबंधों को लेकर खुलासा किया कि उनकी जिंदगी पर अपने पिता का बहुत असर रहा है। हिरानी कहते हैं, 'अपने पिता के साथ मेरे रिश्ते दोस्ताना रहे हैं और वे जिस सहजता से मामलों को हैंडिल करते हैं, उसकी मुझ पर छाप रही है।'
3 इडियट को मानते हैं फेवरेट
हिरानी इसे जैनरेशन गैप का मुद्दा नहीं मानते, बल्कि उनका मानना है कि तालमेल सही न हो, तो एक जेनरेशन में भी रिश्ते उलझ जाते हैं। भाइयों और बहनों के बीच रिश्तों में अनबन को जैनरेशन गैप से नहीं जोड़ा जा सकता। अपनी फिल्मों में वे पिता-पुत्र के लिहाज से 'थ्री इडियट्स' को बेस्ट मानते हैं, जिसमें माधवन-परीक्षित साहनी के रिश्तों को लेकर हिरानी कहते हैं, 'ये मेरे दिल के सबसे ज्यादा करीब है।'
मुंबई(ब्यूरो)।राजकुमार हिरानी की फिल्मों की खासियत मानी जाती है कि उनके किरदार रियल होते हैं। राजकुमार हिरानी खुद मानते हैं कि उनकी फिल्मों के किरदार और किस्से कहीं न कहीं रियल लाइफ से जुड़े होते हैं। खास तौर पर पहली फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' से लेकर 'लगे रहो मुन्ना भाई', 'थ्री इडियट्स', 'पीके' और हाल ही में आई 'संजू' तक हिरानी पिता-पुत्र के रिश्तों को खास तौर पर कहानियों का हिस्सा बनाते हैं।
मुंबई में हाल ही में इंडियन फिल्म एंड टीवी डायरेक्टर एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेते हुए राजकुमार हिरानी ने अपनी फिल्मों में पिता-पुत्रों के संबंधों को लेकर खुलासा किया कि उनकी जिंदगी पर अपने पिता का बहुत असर रहा है। हिरानी कहते हैं, 'अपने पिता के साथ मेरे रिश्ते दोस्ताना रहे हैं और वे जिस सहजता से मामलों को हैंडिल करते हैं, उसकी मुझ पर छाप रही है।'
हिरानी इसे जैनरेशन गैप का मुद्दा नहीं मानते, बल्कि उनका मानना है कि तालमेल सही न हो, तो एक जेनरेशन में भी रिश्ते उलझ जाते हैं। भाइयों और बहनों के बीच रिश्तों में अनबन को जैनरेशन गैप से नहीं जोड़ा जा सकता। अपनी फिल्मों में वे पिता-पुत्र के लिहाज से 'थ्री इडियट्स' को बेस्ट मानते हैं, जिसमें माधवन-परीक्षित साहनी के रिश्तों को लेकर हिरानी कहते हैं, 'ये मेरे दिल के सबसे ज्यादा करीब है।'
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