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LUCKNOW : सीआरपीएफ की कार्रवाइयों का ही नतीजा है कि देश में आतंकवाद और नक्सलवाद खात्मे की कगार पर है। जो उग्रवाद पहले 126 जिलों में फैला था, वह अब 10-12 जिलों में सिमट कर रह गया है। यह कहना है देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह का। वे रविवार को राजधानी में सीआरपीएफ कैंप के 26वें स्थापना दिवस के मौके पर जवानों को संबोधित कर रहे थे।
गृह मंत्री ने कहा कि 2018 में सीआरपीएफ ने 131 नक्सलियों को मार गिराया और 1278 को जिंदा पकड़ लिया। 58 नक्सली आत्म समर्पण के लिए मजबूर हुए। आरएएफ  के जवानों की प्रशंसा करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि दंगा नियंत्रण जैसे मोर्चे पर इन्होने महत्वपूर्ण काम किया है।

शांति विकास में निभायी अहम भूमिका

बिजनौर स्थित सीआरपीएफ कैंप में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ देश में शांति बहाली में अहम भूमिका निभायी है। यह बल आंतरिक सुरक्षा के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेती है। शांति और विकास के लिये इसने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सीआरपीएफ ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिये भी काम किया है। 52 गांवों को गोद लिया है। इन गांवों में सीआरपीएफ ने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता जैसे मुद्दे पर जागरूक करते हैं। सीआरपीएफ ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई है। जवानों के उत्थान के लिये किये जा रहे कामों का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार बल अधिकारियों और जवानों के कल्याण के लिये कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। जवानों के लिये आवास बनाए जा रहे हैं और उनके बच्चों की पढ़ाई व शादी के लिये वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही है। इस मौके पर सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

राजनाथ सिंह बोले,इन वजहों से देश में आतंकवाद और नक्सलवाद खात्मे की कगार पर

बहादुरी का किया सम्मान

कार्यक्रम में 15 अधिकारियों और जवानों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया, जबकि दो अधिकारियों को सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया गया। जिन अधिकारियों व जवानों को वीरता पदक से नवाजा गया उनमें कमांडेंट किशोर कुमार, हवलदार अरुण कुमार, सिपाही मनीष कुमार यादव, सिपाही प्रदीप कुमार सिंह और सिपाही पठारे स्वप्निल हेमराज शामिल हैं। इन्हें कश्मीर के अवंतीपुरा में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये सम्मानित किया गया। कश्मीर के सुंबल में सीआरपीएफ कैंप में फिदायीन हमले को नाकाम करने के लिये सहायक कमांडेंट शंकर लाल जाट और पंकज हल्लू, हवलदार पंकज कुमार और सिपाही रामदुलारे व बलराम टुरु को भी सम्मानित किया गया। कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों के खिलाफ अभूतपूर्व शौर्य प्रदर्शन के लिये निरीक्षक सुब्रमण्यम जी व सिपाही मो। अशरफ और मंधीर सिंह को जबकि, अनंतनाग में बैंक हमले में आतंकियों को मारने वाले हवलदार कौशल कुमार को और बिजबेहरा अनंतनाग में बीएसएफ के काफिले पर आतंकी हमले के दौरान शौर्य प्रदर्शन करने वाले सहायक उप निरीक्षक नंद किशोर को सम्मानित किया गया। सराहनीय सेवाओं के लिये आरएएफ के डीआईजी दिलीप कुमार और संजय कुमार को भी गृह मंत्री ने सम्मानित किया।

दिखाए हैरतअंगेज करतब

समारोह में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने परेड की सलामी ली। इसके बाद रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने कई हैरतअंगेज करतब दिखाए, जिन्हें देखकर वहां मौजूद सभी लोगों ने दांतों तले अंगुली दबा ली। इस मौके पर आरएएफ के वाहनों की भी परेड कराई गई। 

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