राजस्थान की आंधी

पिछले कुछ समय से बरेलियंस को धूल भरी हवा का सामना करना पड़ रहा है। मौसम वैज्ञानिक डॉ। एचएस कुशवाहा के मुताबिक, इसके पीछे सबसे बड़ा रीजन राजस्थान से चलने वाली धूल भरी आंधी हैं। मिट्टी में तीन तरह के पार्टिकल्स होते हैं। सैंड, सिल्क और क्ले। क्ले और सिल्क के पार्टिकल छोटे होने के चलते हवा में घुल गए हैं। राजस्थान से जिस तेजी के साथ ये धूल के कण हवा के साथ चले हैं उन्होंने बरेली मंडल के रीजन और उसके आसपास के रीजन को अपने कब्जे में ले लिया है।

 

जारी रहेगी परेशानी

डॉ। कुशवाहा ने बताया कि हालात ये हैं कि मंडल के ऊपर धुंध का डेरा है लेकिन बरसात न होने के चलते लोगों को काफी दिक्कत का समाना करना पड़ रहा है। आगे भी आसमान में बादल छाए रह सकते हैं और लोगों को आगे भी इस तरह की परेशानी से दो चार होना पड़ सकता है। उनका कहना है कि भले ही हवा में धूल हो लेकिन हवा चलने और धूप से निजात मिलने के कारण लोगों को काफी राहत महसूस हुई।

कम हुआ टेंप्रेचर

डॉ। कुशवाहा ने बताया कि फ्राइडे को अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेंटीगे्रड और न्यूनतम 27 डिग्री सेंटीगे्रड रिकॉर्ड किया गया। हवा में नमी की मात्रा 67 परसेंट सुबह दर्ज की गई जो दोपहर में 29 परसेंट हो गई थी। हवा की गति 4.7 किमी प्रति घंटा चली जिसकी दिशा पश्चिम से उत्तर पश्चिम की ओर थी। डॉ। कुशवाहा के मुताबिक, जहां अधिकतम तापमान 2 डिग्री सेंटीग्रेड कम हो गया वहीं न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री सेंटीगे्रड की बढ़ोतरी दर्ज की गई। डॉ। कुशवाहा ने कहा कि आने वाले 24 घंटे में आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे।

अलर्ट रहें सांस के मरीज

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ। केबी पाठक ने बताया कि मौसम के इस बदलते रुख का सबसे ज्यादा असर सांस और दमा के पेशेंट्स पर पड़ेगा। हालांकि पेशेंट्स की संख्या बढऩी शुरू हो गई है। ऐसा मौसम जारी रहा तो आने वाले समय में पेशेंट्स की संख्या बढ़ सकती है। धूल भरी हवा रेसपिरेट्री सिस्टम पर अपना इंपैक्ट डालती है जिससे रेसपिरेट्री सिस्टम डैमेज भी हो सकता है। हवा के संपर्क में आने वाले खुले अंग पर भी इसका काफी गंभीर असर पड़ सकता है। आंख, कान और स्किन पर बुरा असर पड़ता है।

क्या करें

-कॉटन के रुमाल को पानी से भिगोने के बाद निचोड़कर मुंह पर बांधे तो उन्हें इस परेशानी से काफी निजात मिल सकती है।

-सांस के पेशेंट्स और एलर्जिक पेशेंट्स अपने साथ हर समय स्प्रे की मशीन रखें।

-सनग्लास से बने चश्मों का करें यूज।

-फुल बांह की शर्ट आपको स्किन डिजीज से काफी हद तक निजात दिला सकती है।

-जहां तक संभव हो घर के बाहर निकलने से परहेज करें।