अपनी अपकमिंग फिल्म में एक म्यूटेंट का रोल प्ले करना कंगना रनोट के लिए काफी चैलेंजिंग था. राकेश रोशन की इस साई-फाई फिल्म में उनके स्पेशल लुक और अटायर को देखते हुए, ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्हें अपने कैरेक्टर में इनवॉल्व होने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी होगी. शूटिंग के दौरान उन्हें सेल्फ-इंडल्जेंस बिल्कुल भी अलाउड नहीं था. दरअसल, बी-टाउन की एक्ट्रेसेस अपने नखरों के लिए जानी जाती हैं और वो फिल्म सेट्स पर अपनी सभी विशेज पूरी करवाने की कोशिश करती हैं. पर बात जब राकेश रौशन के सेट की हो तो ऐसा बिल्कुल नहीं होता है.


कंगना कहती हैं, ‘राकेश जी परफेक्ट शूट्स के लिए इंसिस्ट करते हैं. वो वहां किसी भी तरह का सेल्फ-इंडल्जेंस अलाउ नहीं करते हैं. जैसे अगर मेरे बाल सही नहीं हैं तो वो मुझे खुद ही ठीक करने होते थे. इस छोटे से काम के लिए मैं अपने स्टाइलिस्ट को नहीं बुला सकती थी. वो बस चाहते थे कि हम बस अपनी परफॉर्मेंसेज पर कॉन्संट्रेट करें. इंडस्ट्री में ये सभी को पता है कि राकेश रौशन सेट्स पर होने वाले किसी भी तरह के अनवॉन्टेड एक्सपेंडिचर को स्ट्रिक्टली अवॉयड करते हैं.

वह इस बात को ज्यादा प्रिफरेंस देते हैं कि स्टार्स अपने एक्ट को परफेक्ट टच देने पर ज्यादा फोकस करें बजाय खुद को सजा-संवार कर डिस्टर्ब होने में. इंसिडेंटली, इसी रीजन की वजह से चित्रांगदा सिंह ने मूवी को करने से मना कर दिया था. रयूमर्स यही थे चित्रांगदा को इस फिल्ममेकर का वर्किंग स्टाइल सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है. असल में राकेश के अकॉर्डिंग प्रोडक्शन टीम ने मेकअप और दूसरे कामों के लिए जो स्टाफ हायर किया था, वो सफीशियंट था. किसी भी तरह के मेकअप पर्सन, हेयरड्रेसर और अटेंडेंट्स की जरूरत नहीं थी जो चित्रांगदा को पर्सनली अटेंड करें. ये बात चित्रांगदा को पसंद नहीं आई और राकेश ने भी अपना बजट बढ़ाने में कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया.

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