रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों ने भाइयों को बांधी राखी, लिया खुद की रक्षा का वचन

बारिश और जाम के चलते लोग हुए हलकान, पर उत्साह में नहीं दिखी कमी

VARANASI

भाई-बहन का रिश्ता शनिवार को रेशम के नाजुक धागों से मजबूत हुआ। बहनों ने अपने प्यार के प्रतीक के रूप में रंग बिरंगी राखियां 'भइया' की कलाई पर सजाई और उनसे खुद की रक्षा का वचन लिया। भाइयों ने अपनी साम‌र्थ्य के अनुसार भेंट देकर परंपरा का निर्वाह किया। हालांकि बारिश और जाम के झाम ने बहनों और भाइयों को परेशानी में डाला लेकिन उनके उत्साह के आगे परेशानी ने जल्द ही घुटने टेक दिये। भाइयों की कलाई पर सजी राखियों ने एहसास कराया कि शहर ने बड़े उल्लास के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया है।

आराम से बांधी राखी

चूंकि राखी बांधने के लिए शुभ मुहुर्त दोपहर में क्.भ्0 बजे के बाद था इसलिए बहनों में राखी बांधने को लेकर हड़बड़ी नहीं रही। बड़े आराम से बहनें तैयार हुई और भद्रा खत्म होने के बाद अपने भाइयों की कलाई राखी से सजाई। बहुत सी बहनों और भाइयों ने बिना अन्न ग्रहण किये राखी बांधने और बंधवाने का व्रत ले रखा था तो उन्होंने भद्रा काल खत्म होने के बाद राखी बंधवाई और अन्न ग्रहण किया। दोपहर बाद शुरू हुआ राखी बंधवाने का सिलसिला रात तक चलता रहा। मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने भगवान को राखी समर्पित कर उनसे अपनी रक्षा का आशीर्वाद मांगा।

भइया ने भी पूरी की इच्छा

भाइयों का मुंह मीठा कराने के लिए मिठाई की दुकानों पर बहनों की लंबी लाइन लगी रही। मिठाइयां महंगी जरूर थीं। इसके बावजूद बहनों ने मिठाई खरीदी। अच्छी दुकानों में सामान्य मिक्स मिठाई ख्भ्0 रुपये से ब्00 रुपये किलो के भाव बिकी। वहीं काजू की बनी मिठाइयों के रेट म्00 से ख्,000 रुपये प्रति किलो रहे। मार्केट खुले थे लेकिन दोपहर बाद से दुकानों के शटर गिरने लगे। मॉल्स और रेस्टोरेंट्स में लोगों की खासी तादाद दिखी। दूसरी तरफ ऑटो और रिक्शा वालों ने जमकर चांदी काटी। हर चौराहे पर लोग सवारी का इंतजार करते दिखे।