- राखी बांधने का शुभ मुहुर्त सुबह 10.31 से दोपहर 1. 52 बजे तक ही

- शहर में सजी राखी की दुकानों पर बहनों की उमड़ रही भीड़

VARANASI

भाई- बहन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षाबंधन सोमवार को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। बहनें शुभ मुहुर्त में अपने भाई की कलाई पर रेशम की डोरी बांध कर अपने प्यार को मजबूत करेंगी। प्यार के इस पर्व की परंपरा का निर्वाह भाई- बहन पूरे दिन करते हैं। पर इस बार ऐसा करना मुनासिब नहीं होगा। ग्रहों के चक्कर ने बहनों को राखी बांधने के लिए बहुत ही कम समय दिया है। जी हां ज्योतिषविदों ने इस दिन पड़ने वाले चंद्रग्रहण के चलते राखी बांधने का शुभ मुहुर्त बहुत ही कम समय के लिए बताया है।

सिर्फ तीन घंटे बंधेगी राखी

ज्योतिषविद् पं ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व सिर्फ तीन घंटे ख्ख् मिनट तक ही होगा। सुबह क्0.फ्क् बजे से दोपहर क्। भ्ख् बजे तक ही राखी बांधी जायेगी। इसके पीछे कारण यह है कि इस बार श्रावण पूर्णिमा पर रात क्0 बजकर भ्फ् बजे श्रवण नक्षत्र- मकर राशि पर खंड चंद्रग्रहण लग रहा है जो मध्यरात्रि क्ख्.ब्8 बजे तक रहेगा। ज्योतिषविद् पं विमल जैन बताते हैं कि चंद्रग्रहण लगने से नौ घंटे पूर्व तक व सूर्यग्रहण में क्ख् घंटे पहले से ही सूतक होता है। ऐसे में सात अगस्त को दोपहर क् बजकर भ्फ् बजे से चंद्रग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। वहीं सुबह क्0.फ्0 बजे तक भद्रा है। ऐसे में सुबह क्0.फ्क् बजे से दोपहर क्.भ्ख् बजे तक का वक्त ही राखी बांधने के लिए उपयुक्त है।

सज गया है बाजार

पूरे शहर में पर्व की रौनक दिखायी दे रही है। सैकड़ों की संख्या में सजी दुकानों पर बहनें अपने प्रेम के प्रतीक राखी की खरीदारी करती दिखीं। हर बहन अपने भइया की कलाई पर ऐसी राखी सजाने की चाहत में दिखी जैसी कि किसी दूसरे के हाथ पर न हो। किसी को रेशमी राखी पसंद थी तो कोई अपने भइया की कलाई पर सितारे वाली राखी सजायेगी। मिठाई के दुकानदार कई दिनों पहले से ही इस दिन की तैयारी में व्यस्त थे। अधिकतर लोग सूखी मिठाई ही पसंद कर रहे हैं।