गल्र्स ने अपनाया तरीका

यह आइडिया गल्र्स के दिमाग में राखी के फेस्टिवल को देखकर आया। छेड़खानी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए गल्र्स इस फ ार्मूले को अपनाते हुए चौराहों और पेट्रोलिंग पर मौजूद पुलिस वालों को राखी बांध रही हैं। साथ ही कि सी शोहदे को गल्र्स के साथ छेड़खानी करते या फिर उन पर फब्तियां    कसते देखें तो उस पर कड़ी कार्रवाई करें। राखी बांधने के बदले में कोई गिफ्ट न लेकर सिर्फ पुलिसवालों से अपनी और गल्र्स की सेफ्टी का वचन ले रही हैं।

पहली बार हो रहा ऐसा

रक्षाबंधन पर इस तरह का प्रयोग सिटी में पहली बार हो रहा है। अभी तक  रक्षाबंधन पर गल्र्स सिर्फ अपने भाईयों को ही राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा क वचन लेती थीं। लेकिन इस बार सिटी की गल्र्स ने ईव टीजिंग से बचने के लिए नया तरीका अपनाया है। गल्र्स का मानना है कि  इसका असर जरूर दिखेगा और इस तरह की घटनाओं पर अंकु श लगेगा। सपा महिला संगठन की शहर अध्यक्ष भी अपनी टीम के  साथ इस पहल में इन्वॉल्व हैं। और इस तरह राखी का फेस्टिवल सेलिब्रेट करने को प्रमोट कर रही हैं। वह भी अपनी टीम मेंबर्स के साथ पुलिस वालों को राखी बांधकर सुरक्षा का वचन ले रही हैं।

क्या क हते हैं पुलिस वाले

कुछ दिनों पहले तो एसपी सिटी पवन कुमार के ऑफिस में चेतना संस्था की दर्जनों लड़कियों ने राखी बांधकर अपनी और अपने जैसी गल्र्स की सेफ्टी का वचन मांगा था। एसपी सिटी ने भी उन्हें पॉजिटिव लेते हुए कोई परेशानी होने पर मोबाइल या फिर ऑफिस आने को कहा। एसपी सिटी का कहना है कि  इससे नई चेतना आ रही है और पुलिस व पब्लिक के बीच बेहतर रिलेशन बन रहे हैं। क्योंकि भाई-बहन का रिश्ता सबसे पवित्र माना जाता है। अगर इस तरह से पब्लिक और पुलिस के बीच रिलेशन बनेंगे तो जरूर ही इस तरह की घटनाओं पर अंकु श लगेगा। पुलिस भी सड़क पर ऐसी कि सी घटना को अपने फै मिली मैटर की तरह ही ट्रीट करेगी।

भाग रहे शोहदे

सिटी में इन दिनों चौराहों और कॉलेज के सामने नया नजारा देखने को मिल रहा है। गल्र्स की इस तरह की प्लानिंग को देखते हुए गल्र्स भी कॉलेज के सामने कम नजर आ रहे हैं। लड़कियां कुछ दिनों से टोली बनाकर चल रही हैं। जो लड़के उन्हें काफी दिनों से परेशान कर रहे थे। उन्हें सबक सिखाने के लिए पकड़कर राखी बांध रही हैं।

राखी से करने लगे परहेज

पुलिस महकमे में भी सभी तरह के लोग होते है। कुछ अधिकारी राखी बंधवाने के लिए आगे आ रहे हैं तो कुछ राखी बंधवाने से परहेज कर रहे है। उनका कहना है कि हर किसी को बहन नहीं बनाया जा सकता।

पवन कुमार- एसपी सिटी-

गल्र्स ने ये तरीका अच्छा अपनाया है। पुलिस और पब्लिक की दूरियां कम होगीं। किसी भी तरीके की अप्रिय घटना होने पर गल्र्स सीधे कॉल करके बता सकेंगी। मैंने खुद दो दिन एक संस्था के बच्चों को होने वाली घटनाओं से बचने के उपाय बताए थे।