-रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों ने भाइयों को बांधी राखी, लिया खुद की रक्षा का वचन

-महंगी होने के बावजूद खूब बिकी मिठाई, पैक्ड मिठाइयों की भी रही डिमांड

VARANASI: दुनिया भर के तमाम रिश्तों में भाई और बहन के रिश्ते की अपनी अलग ही अहमियत है। रविवार को इसी पवित्र रिश्ते ने नाजुक धागों के जरिये मजबूती की नयी ऊंचाइयों को छुआ। बहनों ने अपने प्यार के प्रतीक के रूप में रंग बिरंगी राखियां 'भइया' की कलाई पर सजाई और उनसे खुद की रक्षा का वचन लिया। भाइयों को भी इस पल का बेसब्री से इंतजार था। उन्होंने राखी बंधवा कर बहनों की रक्षा का संकल्प लिया। भाइयों ने अपनी साम‌र्थ्य के अनुसार भेंट देकर परंपरा का निर्वाह किया। हर कलाई पर सजी राखियों ने एहसास कराया कि पूरे शहर ने बड़े उत्साह से श्रावणी पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व मनाया है।

आराम से बांधी राखी

चूंकि राखी बांधने के लिए शुभ मुहुर्त दोपहर में क्.0म् बजे के बाद था इसलिए बहनों में राखी बांधने को लेकर हड़बड़ी नहीं रही। बड़े आराम से बहनें तैयार हुई और भद्रा खत्म होने के बाद अपने भाइयों की कलाई राखी से सजाई। तकरीबन एक बजे के बाद शुरू हुआ राखी बंधवाने का सिलसिला रात तक चलता रहा। बहुत सी बहनों ने बिना कुछ खाये पिये भइया की कलाई पर राखी बांधने का संकल्प लिया था तो वे एक बजे तक बिना खाये पिये भद्राकाल खत्म होने का इंतजार करती रही। मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने भगवान को राखी समर्पित कर उनसे अपनी रक्षा का आशीर्वाद मांगा।

भइया ने भी पूरी की इच्छा

भाइयों का मुंह मीठा कराने के लिए मिठाई की दुकानों पर बहनों की लंबी लाइन लगी रही। मिठाइयां महंगी जरूर थी इसके बावजूद बहनों ने मिठाई खरीदी। अच्छी दुकानों में सामान्य मिक्स मिठाई ख्भ्0 से फ्00 रुपये किलो के भाव बिकी। वहीं काजू की बनी मिठाइयों के रेट भ्00 से ख्,000 रुपये प्रति किलो रहे। रविवार का दिन था इसलिए मार्केट में सन्नाटे का आलम रहा। हां, शाम को शहर में चहल पहल दिखी। मॉल्स और रेस्टोरेंट में लोगों की खासी तादाद दिखी। भाइयों ने बहनों को फिल्म दिखाकर और रेस्टोरेंट में खाना खिला कर उनकी इच्छा पूरी की। दूसरी तरफ ऑटो और रिक्शा वालों ने जमकर चांदी काटी। हर चौराहे पर लोग सवारी के इंतजार करते दिखे।

चॉकलेट्स की रही चांदी

बहनों को भाइयों के सेहत की चिंता थी। इसके चलते उन्होंने मिठाई की जगह चॉकलेट्स से भाइयों का मुंह मीठा कराया। चॉकलेट्स की खासी सेल हुई। महंगाई और मिलावट की आशंका के चलते बहनों ने खोआ और छेने की मिठाइयों से परहेज बरता। पैक्ड सोनपापड़ी को उन्होंने पसंद किया। बहुत से लोगों ने बेसन से बनी मिठाइयों को ही पसंद किया।