-राम नवमी के मौके पर सेंट्रल जेल में हुआ आयोजन

-पिछले नौ दिनों से व्रत रहे कैदी, नवमी के दिन खोला व्रत

-हैल्प आगरा ने किया था प्रसाद का वितरण

AGRA। 'मां की हर बात निराली है, मैया का चोला है रंगला, मां मुरादें पूरी कर दे', ये महज भजन की लाइन नहीं है बल्कि, उन लोगों की दिल से निकली आवाज है जो सालोंसाल से जेल की चाहरदीवारी के अंदर कैद है। ट्यूजडे का दिन तो इनके लिए खास था। राम नवमी के इस विशेष दिन जेल का माहौल पूरी तरह धार्मिक बना हुआ था।

भोर से ही चले भजन

ट्यूजडे को रामनवमी के पावन मौके पर सेंट्रल जेल परिसर को खासतौर पर सजाया गया था। विशेषतौर पर जेल के अंदर बने मंदिर को इस फेस्टिवल के लिए तैयार किया गया था। मंदिर में ट्यूजडे सुबह से ही आयोजन की तैयारियां होना स्टार्ट हो गई। सुबह-सुबह से यहां भजन-कीर्तन का सिलसिला भी चल पड़ा।

यहां नौ दिन से व्रत थे कैदी

सेंट्रल जेल में निरुद्ध सजायफ्ता कैदियों में से सैकड़ों ने नवरात्रों में देवी मां के नौ दिन के व्रत रखे। राम नवमी के दिन व्रत रहे सभी कैदियों ने अपने-अपने व्रत का समापन किया। इस दौरान कैदियों ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। विधिवत तरीके से आरती उतारी। आरती के उपरान्त जेल परिसर में उपस्थित कैदियों और बाहर से गए लोगों के बीच आरती भी पहुंची।

हिंदुओं के साथ मुस्लिम भी रहे व्रत

जेल में दूसरे कैदियों की तरह लगभग फ्भ् वर्षीय शकील अंसारी भी निरुद्ध है। शकील कहने को तो मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखता हैं लेकिन, उसने दूसरे कैदियों की तरह ही पूरे नौ दिनों तक व्रत रखा। नवरात्र के व्रत के समापन यानि कि राम नवमी के दिन हिंदू कैदियों के साथ शकील भी मंदिर पर पूजा-अर्चना की। भजन कीर्तन में शामिल हुआ।

बांटा गया हलुआ-चना

राम नवमी के इस आयोजन दौरान कैदियों के बीच हलुआ-चना के प्रसाद का वितरण किया गया। स्टूडेंट अंशिका पैंगोरिया ने सभी को तिलक लगाया। इस दौरान तमाम कैदियों ने अंशिका का चरण स्पर्श कर बाकायदा कन्या पूजन किया। इस प्रसाद की व्यवस्था सामाजिक सारोकारों को समर्पित संस्था हैल्प आगरा की ओर से की गयी थी। आयोजन के दौरान हैल्प आगरा के ट्रस्टी अशोक गोयल, सोशल एक्टिविस्ट श्याम पैंगोरिया आदि मौजूद रहे।

'हर साल की तरह ही इस बार भी राम नवमी के मौके पर जेल परिसर स्थित मंदिर में धार्मिक आयोजन किया गया। जेल के कैदियों ने नौ दिन तक व्रत भी रखा था। प्रसाद वितरण की व्यवस्था हैल्प आगरा की ओर से की गयी थी.'

बीआर वर्मा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक सेंट्रल जेल