दिल्ली गैंगरेप के मुख्य आरोपी राम सिंह ने मंडे सुबह तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली. गौरतलब है कि इस मामले के बाद देश भर में हुए प्रदर्शनों में राम सिंह सहित बाकी पाचों आरोपियों के लिए मौत की सजा मांगी जा रही थी. इनमें से राम सिंह ने कोर्ट का फैसला आने से पहले खुद ही अपने लिए मौत की सजा चुन ली. हालांकि उसके पिता ने इसे सुसाइड नहीं मर्डर बताया है. 

नौकरी की तलाश में दिल्ली पहुंचा

दिल्ली गैंगरेप की वारदात के बाद जिस राम सिंह को पूरे देश ने जाना वह कभी नौकरी की तलाश में राजस्थान से दिल्ली पहुंचा था. 33 साल का राम सिंह मूल रूप से राजस्थान के करौली गांव का रहने वाला था. दिल्ली में उसे बस ड्राइवर की नौकरी मिली. उसके साथ उसका भाई मुकेश सिंह और मां-बाप भी रहते थे. मुकेश भी गैंगरेप के छह आरोपियों में से एक है.

हादसे ने बनाया अपंग

राम सिंह एक बस एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल हो गया था. एम्स ट्रॉमा सेंटर में कई हफ्तों इलाज चला. उसके दोनों हाथ टूट चुके थे, डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान एक हाथ में लोहे की रॉड और दूसरे हाथ की हड्डियों को जोड़कर इलाज किया था. कुछ समय बाद वह ठीक तो हो गया लेकिन उसके दोनों हाथ मुड़े हुए थे. दिल्ली गैंगरेप के बाद उसने अपना अपराध कबूलते समय कहा था कि अपंगता ने उसे हीन भावना से भर दिया था.

बीवी की मौत ने किया तनहा

राम सिंह को अपने पास में रहने वाली एक महिला से प्यार हो गया था. वह महिला पहले से शादीशुदा थी और उसके 3 बच्चे भी थे. इस सब के बावजूद राम सिंह ने उस महिला से शादी की. शादी के कुछ साल बाद बीमारी की वजह से उस महिला की मौत हो गई. बीवी की मौत के बाद राम सिंह अपने माता-पिता और भाई के साथ रहने लगा लेकिन उसकी जिंदगी में खालीपन आ गया था.

शराब पीने के बाद बन जाता था हैवान

राम सिंह के साथियों ने ही उसके बारे में बताया था कि वह शराब पीने के बाद बिल्कुल हैवान बन जाता था. 16 दिसंबर की रात राम सिंह ने 5 लोगों के साथ मिलकर जो क्राइम किया उस रात भी उसने जमकर शराब पी रखी थी. राम सिंह ने बताया था कि लड़की ने उसे थप्पड़ मारा था और उसके चेहरे पर काट लिया था. जिस वजह से उसने उसे सबक सिखाने के लिए उसका यह अंजाम किया.

किरण बेदी के शो में आया था राम सिंह

राम सिंह एक बार सोशल एक्िटविस्ट किरण बेदी के शो में पहुंचा था. जिसमें उसने कहा था कि उसके मालिक ने उसे नौकरी से निकाल दिया और उसे बकाया पैसा भी नहीं दिया. उसने मालिक पर आरोप लगाया था कि बस एक्सीडेंट के बाद मालिक ने उसका इलाज नहीं कराया. जबकि बस मालिक ने बताया था कि वह उस समय ड्यूटी पर नहीं था और गलत तरीके से बस लेकर गया था.

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