कानपुर। भारतीय क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना है, टीम में कई क्रिकेटर आए और गए मगर कुछ ने ऐसा नाम कमाया कि आज भी उनकी चर्चा होती है। ऐसे ही एक पूर्व खिलाड़ी थे रमाकांत देसाई, 20 जून को जन्में देसाई भारत के तेज गेंदबाज थे। उन्होंने उस वक्त अपनी गेंदबाजी से चर्चा बटोरी जब भारतीय गेंदबाजों को विश्व क्रिकेट में ज्यादा तवज्जो नहीं दी मिलती थी। फिर भी 5 फुट 4 इंच के देसाई ने अपनी रफ्तार से बड़े-बड़े बल्लेबाजों को छकाया। एक क्रिकेटर और फिर सलेक्टर के रूप में देसाई ने कई बड़े-बड़े काम किए।

20 साल में किया डेब्यू

ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, देसाई ने 20 साल की उम्र में अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला। साल 1959 में वेस्टइंडीज टीम भारत दौरे पर आई थी। सीरीज का पांचवां टेस्ट दिल्ली में खेला गया। डेब्यू मैच में ही देसाई ने 49 ओवर गेंदबाजी की जिसमें 169 रन देकर 4 विकेट चटकाए। उसी साल इंग्लैंड दौरे पर 80 रन देकर देसाई ने 6 विकेट अपने नाम किए। विस्डन मैग्जीन ने उस वक्त देसाई को एक बेहतरीन गेंदबाज माना था। यह भारतीय गेंदबाज आउट स्विंग में महारथ रखता था और घंटों गेंदबाजी करना उनकी आदत थी।

टूटे जबड़े से की बैटिंग

रमाकांत देसाई ने अपने पूरे करियर में कुल 28 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्हें सिर्फ 4 मैचों में जीत मिली। विकेटों की बात करें तो इस गेंदबाज के नाम 74 विकेट दर्ज हैं। वहीं फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट की बात करें तो 150 मैचों में देसाई ने 468 शिकार किए। देसाई का क्रिकेटिंग करियर ज्यादा लंबा नहीं चला, 29 साल की उम्र में उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट खेला। हालांकि आखिरी मैच उनके लिए यादगार बन गया था, जब 10वें नंबर पर बैटिंग करने आए रमाकांत ने 32 रन की मैचजिताऊ पारी खेली। खेलते वक्त उनका जबड़ा भी टूट गया था मगर वह भारत को जिताकर ही पवेलियन लौटे। हालांकि इसके बाद उन्होंने कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला।

दोबारा मैदान में उतरना चाहते हैं युवराज, BCCI से मांगी इजाजत

ICC World Cup 2019 : मां के लिए सिर पर बाउंसर लगने के बावजूद खेलता रहा अफगानी

सचिन को हटाया कप्तानी से

क्रिकेट से रिटायर होने के बाद रमाकांत देसाई ने एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी संभाली। साल 1996 में उन्हें भारतीय टीम सलेक्टर्स का चेयरमैन बनाया गया। अपने कार्यकाल में देसाई ने जो सबसे चर्चित काम किया वो था सचिन तेंदुलकर को कप्तानी देना। देसाई ने सचिन की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें भारतीय टीम का कप्तान बना दिया, मगर उनका यह दांव उल्टा पड़ गया। कप्तानी के बाद सचिन की परफार्मेंस में गिरावट आई। देसाई ने तुरंत अपनी गलती सुधारते हुए सचिन को कप्तानी से हटा दिया।

Cricket News inextlive from Cricket News Desk