गोरखपुर के अतीत का गवाह है रामगढ़ताल
ऐसा बताया जाता है कि रामगढ़ताल जहां बना है। सालों पहले वहां रामगढ़ गांव था जिसका एक हिस्सा अभी भी मौजूद है। वहां धरती में परिवर्तन होने से बड़ा सा तालाब बन गया। तभी से वह अस्तित्व में है। करीब 17 सौ एकड़ के दायरे में फैले ताल के किनारे जंगल भी हुआ करते थे जो आबादी बढऩे के साथ घटते चले गए। इसके एक तरफ मोहद्दीपुर बसा है तो दूसरी तरफ सर्किट हाउस बनाया गया है। रामगढ़ताल एरिया में पॉश कालोनी भी डेवलप हो गई। जीडीए की तरफ से रामगढ़ हाईट्स नाम से फ्लैट्स बनाने की योजना पर काम चल रहा है।

लापरवाही की भेंट चढ़ती गई रामगढ़ताल परियोजना  

राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना के तहत अप्रैल 2010 में परियोजना शुरू की गई। 124.32 करोड़ की लागत का बजट बनाया गया। तीन साल में पूरी होने वाली योजना अफसरों की लापरवाही से लंबित होती चली गई। इस परियोजना में रामगढ़ताल को साफ सुथरा बनाने के साथ ही सीवेज पंपिंग स्टेशन, दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सवा तीन किलोमीटर बांध का निर्माण, पांच किलोमीटर बने बांध की मरम्मत, ओपेन थियेटर, दो हाईमास्ट, दो ओमेगा आईलैंड सहित कई काम होने है, लेकिन शुरू होते ही यह योजना धरासाई हो गई। इसका खर्च बढ़कर 196.57 करोड़ तक पहुंच गया। कंस्ट्रक्शन के लिए 87.42 करोड़ रुपए का बजट मिल गया जिसमें से करीब 72 करोड़ खर्च भी हो चुके हैं। कंस्ट्रक्शन में लगे लोगों का कहना है कि जिस रफ्तार से काम चल रहा है उससे कम से कम दो साल बाद ही योजना पूरी हो सकेगी।

मरीन डाइव बन सकता है रामगढ़ताल
रामगढ़ताल को मुंबई के मरीन ड्राइव जैसा डेवलप किया जा सकता है। भोपाल की बड़ी झील, अहमदाबाद का नल सरोवर सहित कई ऐसी जगहें हैं जहां पर रामगढ़ताल से छोटी जगह को भी सुंदर बना दिया गया है। वहां चमचमाती लाइट्स के बीच लोग पानी का आनंद लेते हैं। सजे हुए बाजार में सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है। कुछ इसी तर्ज पर रामगढ़ताल को डेवलप किया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि टूरिज्म के नक्शे पर मिटने की राह पर चल रहे गोरखपुर को वल्र्ड फेम मिल जाएगा।

डेवलपमेंट से सिटी को मिलेगा रास्ता
शिद्दत के साथ रामगढ़ताल को डेवलप कर दिया जाए तो डेवलपमेंट को एक नया रास्ता मिल जाएगा। रामगढ़ताल की सुंदरता को देखने के लिए टूरिस्ट आएंगे। इससे होटल के बिजनेस में मदद मिलेगी। कुशीनगर जाने के साथ ही गीताप्रेस और गोरखनाथ मंदिर जाने वाले टूरिस्ट रामगढ़ताल को देखने जाएंगे। इस दौरान होने वाली भीड़ से गवर्नमेंट को फायदा मिलेगा। इसके गोरखपुर सिटी टूरिस्ट हब के रूप में विकसित होगी।

सीएम ने पूछा था, क्या हो रहा है काम
रामगढ़ताल में चल रहे वर्क को लेकर सिटी के अफसर भले सीरियस न हों लेकिन सीएम अखिलेश सिंह यादव बेफ्रिक नहीं है। 19 दिसंबर को वे पिपराइच की विधायक राजमती निषाद के घर समारोह में शामिल होने आए थे। कर्मचारियों का कहना है कि इस दौरान गोरखपुर के विकास के कामों की चर्चा हुई तो सीएम ने रामगढ़ताल परियोजना के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने अफसरों को इसको पूरा कराने को लेकर जरूरी निर्देश भी दिए।

रामगढ़ताल परियोजना को पूरा कराने के लिए मानीटरिंग की जा रही है। इसको लेकर समय-समय पर जरूरी निर्देश दिए जाते हैं। संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि कंस्ट्रक्शन के काम में कोई लापरवाही न बरती जाए।
जेपी गुप्ता, कमिश्नर

काम जो होने थे
-रामगढ़ताल को साफ सुथरा करना
-सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाना
-दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
-सवा तीन किलोमीटर बांध का निर्माण,
-पांच किलोमीटर बने बांध की मरम्मत
-ओपेन थियेटर का निर्माण
-दो हाईमास्ट लगाना
-दो ओमेगा आईलैंड का निर्माण
 
इन कार्यों की हुई शुरुआत
-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण
-बड़े नालों का निर्माण
-पंप हाउस का कंस्ट्रक्शन

प्रोजेक्ट का 55 फीसदी वर्क कराया गया है। सीटीपी इत्यादि का काम पूरा हो चुका है। बाकी के कामों में तेजी लाई जा रही है।
ओपी सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर

 

report by : arun.kumar@inext.co.in