बर्खास्त मंत्रियों और युवा नेताओं की भी हो सकती है वापसी

- काम कर गये रामगोपाल के आंसू, मुलायम ने निष्कासन लिया वापस

- सभी जिम्मेदारियां भी हुई वापस, राज्यसभा में सपा के नेता बने रहेंगे

LUCKNOW :

समाजवादी पार्टी में मची कलह के बाद छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किए गये प्रोफेसर रामगोपाल यादव की वापसी हो गयी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उनका निष्कासन वापस ले लिया है। साथ ही उन्हें पूर्व में दी गयी सभी जिम्मेदारियां भी वापस दे दी गयी है। ध्यान रहे कि हाल ही में पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में राज्यसभा में पार्टी के नेता का चयन नहीं हो सका था, साथ ही बुधवार को नोट बंदी पर रामगोपाल यादव ने राज्यसभा में सपा का पक्ष रखा था जिसके बाद उन्हें पार्टी में वापस लिए जाने के कयास लगने लगे थे। आज सुबह मुलायम ने अचानक उनका निष्कासन वापस ले लिया।

अहम पदों पर थे रामगोपाल

मालूम हो कि रामगोपाल यादव राज्यसभा में सपा के नेता, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय प्रवक्ता और संसदीय बोर्ड के सदस्य थे। निष्कासन वापसी के साथ यह सभी जिम्मेदारियां भी उन्हें वापस दे दी गयी है। मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई रामगोपाल यादव को विगत 23 अक्टूबर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। उनका निष्कासन आदेश पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मुलायम सिंह की सहमति के बाद जारी किया था हालांकि इसे लेकर भी तमाम सवाल खड़े होने लगे थे। दरअसल रामगोपाल के खिलाफ यह कार्रवाई अमर सिंह और शिवपाल के खिलाफ बोलने पर हुई थी। साथ ही उन्होंने पार्टी के विधायकों को अखिलेश के समर्थन में खड़े रहने का पत्र जारी कर दिया था जिसे घोर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।

रो पड़े थे रामगोपाल

निष्कासन के बाद रामगोपाल कई दिनों तक चुप्पी साधे रहे। तीन दिन पहले इटावा में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान खुद को निर्दोष बताते हुए वे रो पड़े थे। उन्होंने कहा था कि मैं आज भी खुद को सपा का सदस्य मानता हूं। मैंने कभी मुलायम सिंह यादव के खिलाफ कोई गलत बात नहीं कही। इसके बाद ही माना जाने लगा था कि मुलायम सिंह अब रामगोपाल को माफ कर सकते हैं और उनकी पार्टी में वापसी हो सकती है। बुधवार को राज्यसभा में रामगोपाल द्वारा सपा की ओर से बयान देने के बाद तस्वीर साफ होती चली गयी।

बर्खास्त नेताओं की भी बढ़ी आस

रामगोपाल यादव की वापसी के साथ ही सपा में बर्खास्त युवा नेताओं की वापसी का रास्ता भी साफ हो गया है। केवल एमएलसी उदयवीर सिंह को लेकर संशय की स्थिति है। पार्टी सूत्रों की माने तो उदयवीर ने अपने पत्र में जो आपत्तिजनक बातें लिखी थी, वे माफी योग्य नहीं है। इसके अलावा अखिलेश समर्थक युवा नेताओं को माफी मांगे जाने पर मुलायम पार्टी में वापस ले सकते है। इनमें कई एमएलसी और युवा संगठनों के पूर्व पदाधिकारी शिमल हैं।

ये अभी निष्कासित

वन राज्यमंत्री पवन पाण्डेय, एमएलसी सुनील यादव साजन, आनंद भदौरिया, उदयवीर सिंह, संजय लाठर, अरविंद यादव और छात्रसभा, युवजन सभा, लोहिया वाहिनी, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष व कई पदाधिकारी।