दिव्य अध्यात्म राष्ट्र सेवा मिशन द्वारा मुंशीराम प्रसाद की बगिया में चल रही रामकथा का पांचवां दिन

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PRAYAGRAJ: दीन-दुखियों की सेवा प्राप्त करके जिस शांति की प्राप्ति मन को होती है वह किसी यज्ञ से भी नहीं प्राप्त होती है। कलियुग में सेवा ही सबसे बड़ा भजन है। इसलिए दुखियों की सेवा करके और गरीबों का उद्धार करके मनुष्य अपनी भी उन्नति कर सकता है। यह बातें दिव्य अध्यात्म राष्ट्र सेवा मिशन की ओर से मुंशीराम प्रसाद की बगिया में चल रही रामकथा के पांचवें दिन कथा व्यास डॉ। अनिरूद्ध महाराज ने कही। डॉ। अनिरूद्ध ने बताया कि जीवन में धन संपत्ति किसी के साथ नहीं गया है। सिर्फ सत्कर्म ही मनुष्य के साथ जाता है। इस मौके पर सांसद श्यामाचरण गुप्ता, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी, राजेश केसरवानी, सतीश चंद्र केसरवानी आदि मौजूद रहे।

कण-कण में व्याप्त हैं प्रभु श्रीराम

श्री रामचरित मानस सम्मेलन समिति व श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में कमेटी के परिसर में चल रही नौ दिन सुनिए रामकथा के अन्तर्गत शनिवार को कथा व्यास पंडित मदन मोहन मिश्रा ने रामकथा की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि सनातन धर्म में प्रभु श्रीराम के आदर्शो से हम सभी को सीख लेनी चाहिए। संयोजन समिति के अध्यक्ष लल्लू लाल गुप्ता सौरभ का रहा।