बंबई हाई कोर्ट ने आज फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म 'रामलीला' के नाम से हिंदुओं के इमोशंस हर्ट होने का दावा करने वाली प्ली पर भंसाली को नोटिस भेजा है लेकिन फिल्म की 15 नवंबर को होने वाली रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिससे कल से टेंशन झेल रहे संजय लीला भंसाली को फिलहाल राहत मिल गयी है.

जस्टिस वी एम कनाडे और जस्टिस एम एस सोनक की बेंच ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि अगर पिटीशन में कोई बेस होगा तो बाद में करेक्ट ऑर्डर किया जा सकता है. कोर्ट ने फिल्म के को_प्रोड्यूसर किशोर लुल्ला, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी), इन्फार्मेशन और ब्रॉड कास्टिंग मिनिस्ट्री, डिस्ट्रीब्यूशन राइट रखने वाले इरोज इंटरनेशनल और महाराष्ट्र गवरमेंट को भी नोटिस जारी किए. कोर्ट ने पिटीशन दायर करने वाले से कहा की उनके लगाए गए वल्गैरिटी, वॉयलेंस और सेंसटिव डायलॉग्श के चार्जेज के बेस पर फिल्हाल फिल्म पर रोक लगाने का कोई कारण नहीं है क्योंकी बरसों से लोगों के दिल दिमाग में बसी ईश्वर की इमेज केवल नाम से इफेक्ट नहीं हो सकती.

Ram Leela photo

इससे पहले कल अपने एक स्टेटमेंट में संजय लीला भंसाली ने क्लियर किया था कि उनकी आने वाली फिल्म 'रामलीला' विलियम शेक्सपीयर के 'रोमियो एंड जूलिएट' से इंस्पॉयर्ड है और उसका भगवान राम की 'रामलीला' या भगवान कृष्ण की 'रासलीला' से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि 'राम-लीला' से रिलेटेड गलत इंफॉर्मेशन दी जा रही है फिल्म शेक्सपीयर के 'रोमियो एंड जूलिएट' से इंस्पॉयर्ड है और उस पर ही बेस्ड है. फिल्म का करेक्टर राम न तो भगवान राम को रिप्रेजेंट करता है और न ही किसी भी तरह से उनसे रिजेंबल करता है. भंसाली ने ये भी क्लियर किया कि यह फिल्म देश के किसी भी क्लास के सिटीजन के रिलीजन, रिलीजियस इमोशंस या बिलीफ के लिए डिसरेस्पेक्ट करने या किसी को प्रोवोक करने के इरादे से नहीं बनाई गई है. उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि इस क्लैरिफिकेशन से फिल्म को लेकर बनीं मिसअंडस्टेंडिंग्स और सस्प्शिंस दूर हो जायेंगे.

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