ALLAHABAD: इलाहाबाद की रामलीला और दशहरा देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। बृहस्पतिवार को भी यहां की रामलीला कमेटियों की ओर से लीला का मंचन किया गया।

पथरचट्टी : मंच पर अंगद, जामवंत, नल, नील व हनुमान सहित वानर सेना के बीच मंथन चल रहा था। सब ने हाथ जोड़कर पवनसुत से विनती कि तो वे दक्षिण दिशा की ओर उड़ पड़े। समुद्र में सुरसा ने हनुमान जी की राह रोक ली। उन्होंने छोटा रुप धरा और सुरसा के मुख में प्रवेश कर बाहर निकल आए यह दृश्य देख दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। अगले दृश्य में हनुमान का लंका में प्रवेश होता है। पेड़ में छिपकर हनुमानजी सैनिकों का आतंक देखते हैं इसके बाद राम नाम की अंगूठी नीचे गिरा देते हैं और माता को आने का कारण बताते हैं। भूख लगी तो उन्होंने पूरी अशोक वाटिका को ही उजाड़ दिया और सैनिकों को पीटा। भयभीत सैनिकों ने रावण को पूरी कहानी बताई तो हनुमानजी को पकड़ कर दरबार में लाया जाता है। रावण ने राक्षसों को मारने के अपराध में हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया तो हनुमानजी ने पूरी लंका में आग लगा दी।

पजावा : सीता के राम के अन्तर्गत अतरसुईया स्थित लीला स्थल पर लक्ष्मण शक्ति से कुंभकर्ण वध तक की लीला का मंचन हुआ। मेघनाद की कृत्रिम शक्ति द्वारा लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं तो पूरी वानर सेना में सन्नाटा छा जाता है। हाईटेक तरीके से हनुमानजी द्वारा आकाश मार्ग से संजीवनी लेकर आने के दृश्य को देखकर दर्शकों ने पवनसुत का खूब जयकारा लगाया। इसके पहले शाहगंज स्थित राम मंदिर से भगवान राम, लक्ष्मण व पवनसुत की श्रृंगार की सवारी पूरे सजधज के साथ लीला स्थल पर पहुंची। आचार्य गोपाल बाबा ने भगवान की आरती उतारी और पूजन किया।

कटरा : राम वाटिका में हनुमानजी का लंका पहुंचना, अशोक वाटिका, विभीषण का राम की शरण में आना, रामेश्वर की स्थापना जैसे प्रसंगों का मंचन किया गया। मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने रामायण की आरती उतारी। कमेटी के अध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता व महामंत्री गोपाल बाबू जायसवाल ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।