शहर की रामलीला कमेटियों की ओर से अलग-अलग प्रसंगों का मंचन

रामलीला के मंचन में दिखा भगवान श्री राम का जीवन चरित्र

ALLAHABAD: भगवान श्री राम का जीवन चरित्र समाज के लिए हमेशा प्रेरणाश्रोत रहा है। रामलीला के मंचन में उनके इसी चरित्र को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। शहर में चल रही रामलीलाओं में रविवार को रामायण के अलग-अलग चरित्रों का मंचन किया गया।

पथरचट्टी में जन्में श्रीराम

श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से रविवार को भगवान श्री राम और उनके चारों भाईयों के जन्म के प्रसंग का मंचन किया गया। राजा दशरथ के घर भगवान के जन्म की सूचना अयोध्या में फैलते ही चारों तरफ हर्ष का वातावरण दिखाई देने लगा। बाल स्वरूप को ध्वनि और प्रकाश के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। चारों भाईयों की बाल क्रीड़ा की प्रस्तुति की गई। महर्षि विश्वामित्र आगमन, ताड़का वध और अहिल्या उद्धार का भी मंचन हुआ।

कटरा में जन्मोत्सव की खुशी

श्री कटरा रामलीला कमेटी की ओर से भी चारों भाईयों के जन्म के साथ राज्य में खुशियां मनाने का मंचन किया गया। इसके बाद गुरूकुल में शिक्षा ग्रहण, मुनि विश्वामित्र आगमन, ताड़का, मारीच, सुबाहू वध के साथ अहिल्या उद्धार का मंचन हुआ। इससे पूर्व भगवान की सवारी निकली।

दारागंज में भरत मिलाप

श्री दारागंज रामलीला कमेटी में भरत मिलाप का मंचन किया गया। लीला संयोजक स्वामी शिवमंगल दास जी आचार्य के निर्देशन में भाई के प्रति भाई के प्रेम की लीला ने सभी को भाव विभोर कर दिया। लीला के बाद भगवान की सवारी जीटी रोड होते हुए निराला मार्ग से श्रृंगार भवन पहुंची।

पजावा में धनुष यज्ञ हुआ

श्री महंत बाबा हाथी राम पजावा रामलीला कमेटी में फुलवारी लीला प्रसंग से रामलीला शुरू हुई। इसके बाद धनुष यज्ञ का मंचन हुआ। भगवान सवारी शाहगंज के राम मंदिर से निकली और पूर्व निर्धारित मागरें से लीला स्थल पर पहुंची।