-शुक्रवार को भी नहाने का मामले को लेकर किशोर बंदियों ने किया था हंगामा, दिया था धरना

-अधीक्षक के समझाने पर हुए थे शांत, योजना बनाकर अगले दिन मचाया बवाल

VARANASI

राजकीय बाल सुधार गृह में शनिवार को दो घंटे बवाल की पटकथा ख्ब् घंटे पहले ही लिख दी गई थी। शुक्रवार को बंदियों ने दु‌र्व्यवस्था को लेकर हंगामा किया था। आरोप था कि कर्मचारी आधे घंटे में सभी को नहा लेने को कहते हैं। इतने कम समय में एक नल पर क्ख्भ् बाल बंदियों का नहा पाना संभव नहीं है। इसे लेकर धरने पर भी बैठे थे। अधीक्षक के समझाने पर मान गए और धरना समाप्त कर दिया। अधीक्षक ने पूरे मामले को गंभीरता से नहीं लिया और सूचना उच्चाधिकारियों को नहीं दी। किशोर बंदियों ने योजना बनाकर अगले दिन बवाल कर दिया। कोई सुरक्षा इंतजाम न होने से संवासियों ने घंटों तक मनमानी की और बाल सुधार गृह को दो घंटे कब्जे में रखा। बवाल का सूत्रधार डकैती, चोरी सहित आदि आधा दर्जन से अधिक आरोप में निरूद्ध गाजीपुर निवासी किशोर बंदी बताया जा रहा है। एक महीना पहले वहा भाग भी चुका था जिसे पकड़ गया।

सड़क पर आ गए थे किशोर बंदी

बवाल के समय दर्जनों बंदी बाल सुधार गृह से निकलकर सड़क पर आ गए। दो मौके का लाभ उठाकर भाग निकले। अन्य ने खुद को प्रथम तल के कमरे में कैद करके ताला लगा दिया। गार्ड और रसोइयां को बंधक बना लिया। फोर्स ने घेराबंदी कर बाहर घूम रहे 87 बंदियों को किसी तरह समीप स्थित राजकीय बाल किशोर गृह भेजवाया। कमरे में कैद बंदियों को भी समझा-बुझाकर बाहर निकाला।

लगाए गंभीर आरोप

बाल सुधार गृह में बवाल की सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों, एडीएम तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी के सामने किशोर बंदियों ने अधीक्षक और कर्मचारियों पर संगीन आरोप लगाए।

कहा कि मानक के अनुरूप खाना नहीं मिलता, दूध में पानी मिला दिया जाता है। परिवार का कोई सदस्य मिलने आता है तो उससे धन उगाही की जाती है। कर्मचारी अपने व्यक्तिगत काम कराते हैं। बंदियों के आरोप को जिला प्रोबेशन अधिकारी ने गंभीरता से लिया है। साथ ही आश्वस्त किया है कि समूचे प्रकरण को डीएम से अवगत कराया जाएगा। प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच कराने के लिए भी डीएम से संस्तुति की बात कही गई। बाल सुधार गृह में एक शिकायत पेटिका लगाने की बात कही गई है। इसे खुद जिला प्रोबेशन अधिकारी ही खोलेंगे।

क्षमता 7भ् की, बंदी हैं क्ख्भ्

बाल सुधार गृह में 7भ् बंदियों को रखने की क्षमता है लेकिन इस वक्त क्ख्भ् मौजूद हैं। कर्मचारियों की भी भारी कमी है। मानक के अनुसार सात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिये लेकिन यहां सिर्फ तीन की ही तैनाती है। दूसरी तरफ खाना बनाने वाले खानसामा के नाम पर एक कर्मचारी ही नियुक्त है। एक कर्मचारी के बूते क्ख्भ् संवासियो का खाना बनाना बिना किसी के सहयोग से संभव नहीं हो सकता। बाल सुधार गृह में एक सिपाही व होमगार्ड की हमेशा ड्यूटी रहती है। घटना के समय दोनों गायब हो गए थे। इनकी आठ-आठ घंटे की ड्यूटी रहती है।

वर्षो से जमे है कई कर्मचारी

बाल सुधार गृह में पिछले ख्0 साल से कई कर्मचारियों के जमे होने की बात सामने आई है। इन आरोपों की कमेटी बनाकर जांच की जाएगी। शिकायत में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के संबंध में शासन को अवगत करा दिया गया है। इससे पहले बवाल हुआ था तो तीन अस्थाई कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी जबकि एक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति की गई थी।