जुमे की तीसरी नमाज के साथ रमजान उल मुबारक के पाक महीने का दूसरा अशरा हुआ समाप्त

शनिवार से तीसरा अशरा शुरू, मस्जिदों से लेकर घरों में रोजेदार करेंगे गुनाहों से तौबा

ALLAHABAD: रमजान उल मुबारक के पाक महीने का दूसरा अशरा शुक्रवार को तीसरे जुमे की विशेष नमाज के साथ समाप्त हो गया। अल्लाह की बरकत और रहमत बरसने के बाद अब रोजेदारों के गुनाहों से तौबा करने का समय आ गया है। इसकी शुरुआत तीसरे अशरे के रूप में शनिवार से होगी। इसे मगफिरत का अशरा भी कहा जाता है, जिसमें दस दिनों तक मस्जिद से लेकर घरों में रोजेदार खुद द्वारा किए गए गुनाहों से तौबा करेंगे।

करेंगे अलग-अलग इबादत

इस अशरे में शिया और सुन्नी समुदाय के रोजेदार अलग-अलग तरीके से शबे कद्र मनाएंगे। रमजान उल मुबारक की 22वीं तारीख को शिया समुदाय के रोजेदार पूरी रात अल्लाह की इबादत में गुजारेंगे। सुन्नी समुदाय के रोजेदार मस्जिदों में अल्लाह की इबादत करेंगे।

दुआ के लिए उठे हाथ

रमजान उल मुबारक के तीसरे जुमे पर मस्जिदों में रोजेदारों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान मस्जिदों में बड़े से लेकर छोटे-छोटे रोजेदारों में खूब उत्साह रहा। रोजदारों ने वजू करने के बाद मुल्क में अमन और शांति के लिए दुआ मांगी। चक जीरो रोड शिया जामा मस्जिद में मौलाना सैयद हसन रजा जैदी ने अपने कुतबे में सउदी अरब सरकार द्वारा कतर पर लगाए गए प्रतिबंध की आलोचना की।

तीसरे अशरे में अलविदा की नमाज होने की वजह से अल्लाह की इबादत करने का सिलसिला और तेज हो जाएगा।

सैयद अजादार हुसैन, प्रबंधक, दरगाह मौला अली