पहले ये प्लान था कि रणबीर कपूर फिल्म रॉकस्टार में जब रॉकस्टारअवतार में दिखाई देंगे तो ‘साडा हक ऐथे रख’ गाना बैकग्राउंड में बजेगा. लेकिन तब शायद मूवी के डॉयरेक्टर इम्तियाज अली ने भी नहीं सोचा था कि ये गाना इतना पॉपुलर हो जाएगा. इसके लिए सभी को धर्मशाला के एक छोटे म्यूजिक लवर ग्रुप को थैंक्स बोलना चाहिए.
सोर्स बताते हैं, ‘इम्तियाज पहले इस गाने को एक रेग्युलर गाने की तरह शूट करने वाले थे. इतना ही नहीं इसे बस कुछ कोरस आर्टिस्ट्स को गाना था. शूटिंग के दौरान जब धर्मशाला के लोकल्स ने यह सांग सुना तो उन्होंने मिल कर इम्तियाज को इसे एक लाइव सांग में बदलने के लिए कन्विंस.’
इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि वहां कई तिब्बती रहते हैं जो काफी टाइम से तिब्बत की आजादी के लिए लड़ रहे हैं. वह इस सांग से खुद को रिलेट कर पा रहे थे.
सोर्स आगे बताते हैं, ‘ये सांग दरअसल उन लोगों के लिए है जो किसी भी तरह से अपना हक पाने की मांग कर रहे हैं. वहां के लोग पिछले कई साल से इस कॉज के लिए लड़ रहे हैं और उन्हें इस सांग को सुन कर लग रहा है कि इस बात वे कब से कहना चाहते थे. लोकल्स इस सांग की शूटिंग में आगे आए और बिना किसी फायदे के इसमें हिस्सा भी लिया. उन्होंने दस घंटे इस सांग की शूटिंग को दिए, वो भी बिना पैसे लिए क्योंकि उन्हें लगा कि यह सांग उनके लिए है.’
इस सांग को एक बार में ही धर्मशाला में शूट होना था फिर दिल्ली और मुंबई में इसकी शूटिंग वहां के लोकल बैंड्स के साथ होनी थी. रणबीर खुद भी शॉक्ड थे उस क्रॉउड को लेकर जो इस सांग के बजने पर वहां आ जाया करता था. उन्होंने भी कोई कसर नहीं छोड़ी मुंबई के उन लोकल बैंड की सिंगिंग स्टाइल सीखने में. लास्ट टाइम एक सांग जिसने इतनी जल्दी अपनी पहचान बनायी थी वह ए आर रहमान का ‘रंग दे बसंती’ और
सलीम-सुलेमान का ‘चक दे इंडिया’ ही थे. कह नहीं सकते कि क्या यह सांग भी उतना इम्पैक्ट छोड़ पाएगा पर इस सांग के लिए अभी तक तो सब सही जा रहा है.
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