-चर्चित रणवीर एनकाउंटर पर टिकी हैं सभी की निगाहें

-सीबीआई की स्पेशल कोर्ट सुनाएगी सजा

-सभी 18 पुलिस कर्मी पर किया गया है दोष सिद्ध

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DEHRADUN : राजधानी के चर्चित रणवीर सिंह चौधरी एनकाउंटर कोर्ट पर दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट का फैसला मंडे को आने वाला है। कोर्ट ने बीते शुक्रवार को सभी क्8 पुलिस कर्मियों को मामले में दोषी पाया। जिसमें से एक को साक्ष्य छिपाने का दोषी माना गया। करीब पांच वर्ष से जेल में बंद हेड ऑपरेटर को जेल से मुक्ति मिल सकती है। क्योंकि, वह पहले ही काफी अवधि जेल में काट चुका है। उधर, इस अहम फैसले पर राज्य पुलिस के साथ ही दोषी पाए गए पुलिस कर्मियों के परिजन की निगाहें भी टिकी हुई हैं।

सीबीआई ने की है फांसी की मांग

फ् जुलाई वर्ष ख्009 को सिटी के रिंगरोड स्थित लाडपुर के जंगल में हुए एमबीए स्टूडेंट रणवीर सिंह एनकाउंटर पर फैसला आने में अब कुछ घंटे का समय ही शेष रह गया है। कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों पर दोष सिद्ध किए जाने के बाद सीबीआई ने फांसी की मांग कर पुलिस कर्मियों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। उधर, मृतक रणवीर के पिता रविंद्र सिंह ने भी सीबीआई की मांग का समर्थन करते हुए बेटे की मौत के जिम्मेदार क्8 पुलिस वालों के लिए फांसी की मांग की है। शनिवार देर शाम उत्तराखंड के डीजीपी बीएस सिद्धू से मिलकर राहत की मांग करने वाले पुलिस कर्मियों के परिजन भी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

हाईकोर्ट का रूख कर सकते हैं परिजन

तीस हजारी कोर्ट का फैसला अगर सख्त आया तो दोषी सिद्ध हुए पुलिस कर्मियों के परिजन हाईकोर्ट का रूख कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उनकी परिस्थितियां ठीक नहीं हैं। क्8 में से कई पुलिस कर्मी ऐसे हैं जिनके परिवार में उनके अलावा कमाने वाला कोई नहीं है। इसलिए उनके पास महकमे के सहयोग के अलावा कोई चारा नहीं बचता। वैसे भी डीजीपी कह चुके हैं वे कोर्ट के फैसले का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन इस मामले में विधिक राय लेंगे। एक तरफ जहां मृतक रणवीर के परिजन ईश्वर से दोषी सभी को सख्त से सख्त सजा मिलने की कामना कर रहे हैं तो दूसरी ओर पुलिस कर्मी के परिवार भी भगवान की शरण में हैं। उन्हें अभी भी उम्मीद है कि कोई चमत्कार उनके बेटे या पति को बचा लेगा।