RANCHI: कांके रोड के सीएमपीडीआई कैंपस में पली-बढ़ी और बिशप वेस्टकॉट स्कूल नामकुम से पासआउट छात्रा स्नेहा ने मायानगरी मुंबई में धाक जमा ली है। मशहूर फिल्म डायरेक्टर रहे सत्यजीत रे के फिल्म व टेलीविजन इंस्टीट्यूट कोलकाता से पीजी डिप्लोमा इन फिल्म एंड टीवी एडिटिंग की पढ़ाई करने वाली स्नेहा को फिल्म लॉक में बेहतर काम के लिए बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड कश्मीर के राजा शब्बीर खान और एडिटर स्नेहा सिंह रांची को मिला है। रांची से स्कूलिंग पूरी कर कोलकाता में पीजी डिप्लोमा और फिर मुंबई में पैर जमाने के बाद स्नेहा ने दोबारा मुड़कर पीछे नहीं देखा। एक के बाद एक कई फिल्मों में बेहतर काम के लिए स्नेहा सम्मानित की जा चुकी हैं।

बचपन से ही आर्ट में रुचि

सीएमपीडीआई के वित्त कोषांग से रिटायर्ड महाप्रबंधक अजीत सिंह की छोटी पुत्री स्नेहा आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। स्नेहा फिलहाल मुंबई में अपने पति ऋषिकेश के साथ दांम्पत्य जीवन का भी भी बखूबी निर्वाह कर रही है। उनके पति की मुंबई में जॉब प्लेसमेंट एजेंसी है। स्नेहा सिंह को फिल्मी दुनिया में नेशनल, इंटरनेशल स्तर पर कई अवार्ड से नवाजा जा चुका है। यह अवार्ड उसे दुनिया की नामी-गिरामी हस्तियों ने दिया है। जिसे स्नेहा आज भी संभाल कर रखी हुई है। उनकी मां करुणा सिंह बताती हैं कि स्नेहा बचपन से ही आर्ट के क्षेत्र में एक्टिव रही। वह कोई भी काम करती थी तो उसे पूरा किए बगैर नहीं छोड़ती थी।

नेशनल, इंटरनेशनल अवार्ड मिले

स्नेहा की एडिटिंग फिल्म लॉक में बेहतर काम के लिए पिछले दिनों रांची में आयोजित जीफा के दौरान सम्मानित किया गया। पुरस्कार झारखंड की लाडली को खेलमंत्री अमर बाउरी ने प्रदान किया। इसके अलावा स्नेहा ने दिल्ली फियर एंड फ्रीडम फॉर एनएचके जापान, अल जजीरा डॉक्यूमेंट द लास्ट होप में भी अपनी एडिटिंग का लोहा मनवाया है। इस फिल्म में दर्शाया गया है कि भारत के कई लोग किस तरह पाकिस्तान में फंस गए। पत्‍‌नी इस तरफ तो पति उस तरफ। बेटा इस तरफ तो मां उस तरफ रह गई। फिल्म के माध्यम से लोगों की जिंदगी को फोकस किया गया है।