RANCHI: राज्य के पांच जिलों रांची, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, खूंटी का साल भर का रिकॉर्ड जारी किया गया है। इसमें एक ओर रांची जहां हत्या, डकैती, लूट, वाहन चोरी के मामले में टॉप पर रही। वहीं, अपराधियों व नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी अन्य रेंज से रांची ही टॉप पर रही। बुधवार को डीआईजी एवी होमकर ने वर्ष 2018 का डाटा पेश किया। रांची में हत्याकांड 187, गुमला में 137, लोहरदगा में 32, सिमडेगा में 48, खूंटी में 75 हुए। रांची पुलिस ने 2116 विशेष कांड का उद्भेदन किया। वहीं, नक्सल से संबंधित कांड में रांची की संख्या 55 है।

अनुकंपा के आधार पर नौकरी में भी रांची अव्वल

पुलिस विभाग में अनुकंपा के आधार पर वर्ष 2018 में 92 कर्मियों को नियुक्त किया गया है। इनमें रांची से सबसे अधिक 25, गुमला से 22, लोहरदगा से 11, सिमडेगा से 13 और खूंटी से 21 शामिल हैं। रांची डीआईजी ने रांची पुलिस की प्रशंसा की है।

100 में 84 कांड निपटे, 144 को सजा

हाईकोर्ट द्वारा सौंपे गए जघन्य अपराध के 100 मामलों का एक विशेष अधिकारी के माध्यम से अनुसंधान कराया गया। इसमें करीब 84 केसेज का डिस्पोजल किया गया। इसमें 79 कांड का चयन किया गया। 144 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई। इसमें से पांच कांडों में आरोपियों को दोषमुक्त किया गया।

36 पर सीसीए का प्रस्ताव

डीआईजी ने बताया कि रांची के 36 अपराधियों के विरुद्ध सीसीए का प्रस्ताव दिया गया था। इनमें से कई कुख्यात अपराधियों के खिलाफ सीसीए लगाया गया। वहीं, रांची, गुमला, लोहरदगा, खूंटी में 404 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था।

जब्त होगी अपराधियों की संपत्ति

अपराधी गेंदा सिंह उर्फ विजय सिंह तथा संदीप थापा उर्फ धर्मेद्र प्रधान ने अकूत संपत्ति अर्जित की है। ऐसे में पुलिस इनके खिलाफ यूपीए एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। इनकी संपत्ति जब्त की जाएगी। फिलहाल इन संपत्तियों का आकलन किया जा रहा है। वहीं, साल में रांची में केवल 17 रेगुलर हथियार, 156 देशी हथियार, 1760 गोली, 212 चोरी के वाहन तथा दो लाख 95 हजार रुपए की रिकवरी की गई है। रांची में 21 नक्सलियों को पकड़ा गया। इसमें एक उग्रवादी ने समर्पण किया था। अबतक रांची ने स्थायी वारंट 1396, गैर तामिला वारंट 1296 तथा फरारी की संख्या 984 है।