भागना पड़ा लुटेरों को
इस साल 22 अप्रैल को मुन्नावरा खातून बैंक से रुपए निकालने के बाद पैदल जा रही थीं। इस बीच बाइक पर सवार दो लुटेरे आए और उसके हाथों में रुपए से भरे बैग को छीनने की कोशिश की लेकिन जब मुन्नावरा ने अपना बैग नहीं छोड़ा तो वे उसे बाइक से 40 मीटर तक सड़क पर घसीटते चले गए, लेकिन 50 वर्षीय मुन्नावरा ने बैग नहीं छोड़ा। ऐसे में लुटेरों को जान बचाने के लिए भागना पड़ गया। रोड पर घसीटे जाने से मुन्नावरा जख्मी हो गई थीं। कई दिनों तक हॉस्पिटल में एडमिट रहीं, लेकिन उसने जो बहादुरी दिखाई, उसे पूरा शहर सलाम करता है।
युवतियों की बन चुकी हैं आईकॉन
लुटेरों के सामने जिस तरह मुन्नावरा ने बहादुरी दिखाई, उसके कारण वह आज रांची और पूरे राज्य में महिलाओं की आईकॉन बन चुकी हैं। वे कहती हैं- लुटेरे जिस वक्त उसे घसीटा रहे थे, वह सिर्फ खुदा को याद कर रही थी। लुटेरों के बाबत उसने कहा कि वे भी अपना ही कर्म कर रहे थे, भले ही उनकी राह गलत थी। अल्लाह करे कि वो सही राह पर चल सकें। इस वीडियो में देखें मुन्नावरा की बहादुरी।
हर वक्त आपके साथ है खुदा
मुन्नावरा खातून कहती हैं- जिस परवर दीगार ने जिंदगी दी है, उसके हम शुक्रगुजार हैं। अगर किस्मत में मौत लिखी होती तो मेरी जान उसी वक्त चली जाती, जब अपराधी सड़क पर घसीट रहे थे। खुदा हमारे साथ रह वक्त मौजूद रहता है, चाहे सिचुएशन जैसी भी हो। मौत भी खुदा की इच्छा से होती है। इसलिए बिना किसी डर व भय के हमें अपना काम ईमानदारी के साथ कहना चाहिए। अपराधियों से खौफ खाने की बजाय उनका बहादुरी के साथ मुकाबला करना चाहिए, तभी अमन-चैन की जिंदगी हम जी सकते हैं. मुन्नावरा ने यह बात उस समारोह में कही, जहां आईपीएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन (इप्सोवा) ने उन्हें बहादुरी पुरुस्कार से सम्मानित किया।
National News inextlive from India News Desk
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