RANCHI: कमिश्नर साहब, हमें भी मच्छरों से बचा लीजिए। यह गुहार हटिया, कोकर, हिंदपीढ़ी, हरमू, रातू रोड समेत विभिन्न इलाकों के लोगों ने रांची नगर निगम के कमिश्नर डॉ शांतनु अग्रहरि से लगाई है। क्योंकि अब पानी सिर से ऊपर हो गया है। मच्छरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि न कॉइल काम कर रहा न स्प्रे। फॉगिंग पर लाखों खर्च किए जाने के बावजूद सिटी के लोगों को मलेरिया व डेंगू का खतरा सताने लगा है। स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि लोगों को दिन में भी मच्छरदानी लगाकर रहना पड़ रहा है। जबकि नगर निगम के अधिकारी फॉगिंग व स्प्रे का दावा कर रहे हैं।
इन इलाकों में मच्छरों का आतंक
-हटिया
-हरमू
-बरियातू
-हिंदपीढ़ी
-कोकर
-रातू रोड
मलेरिया के बढ़ रहे मरीज
सिटी में मच्छरों के आतंक के कारण मलेरिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने में रिम्स में ही क्00 से अधिक मरीजों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
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मेयर आशा लकड़ा से सीधी बात
डीजे आईनेक्स्ट : मच्छर से लोग परेशान हैं, इसके लिए आप क्या करेंगी?
जवाब : फागिंग कराई जा रही है। हमारे पास जितनी गाडि़यां हैं उससे पूरी सिटी को कवर करने की कोशिश है।
डीजे आईनेक्स्ट : फागिंग वाली गाडि़यां तो हर जगह नहीं जाती हैं, फिर वार्ड कवर कैसे होगा?
जवाब : इसके लिए वार्डो में हैंड स्प्रे वाली मशीन दी गई हैं। उससे केमिकल का छिड़काव कराया जा रहा है।
डीजे आईनेक्स्ट : डीजल और केमिकल पर काफी खर्च होता है, फिर भी मच्छर खत्म नहीं हो रहे हैं?
जवाब : डीजल का खर्च तो है, ऐसे में पानी के साथ फागिंग कराने की योजना है। इसे कोल्ड फॉगिंग कहते हैं और इससे पॉल्यूशन भी कम होगा।
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असिस्टेंट म्यूनिसिपल कमिश्नर दिव्यांशु झा से सीधी बात
डीजे आईनेक्स्ट : वीआइपी एरिया तक ही फॉगिंग सीमित है, तो मच्छरों से छुटकारा कैसे मिलेगा?
जवाब : अब तक वार्डो में फॉगिंग मामले में सुपरवाइजर और ड्राइवर की लॉग बुक रिपोर्ट पर भरोसा किया जाता रहा है। लेकिन अब इसकी प्रॉपर मानिटरिंग होगी और पब्लिक पोर्टल पर भी जानकारी रहेगी।
डीजे आईनेक्स्ट : फागिंग का बजट काफी है, फिर भी मच्छर खत्म नहीं हो रहे हैं?
जवाब : इसके लिए नई योजना पर काम चल रहा है। एक महीने के अंदर फागिंग की व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी।
डीजे आईनेक्स्ट : कई इलाकों में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है, इसके लिए क्या कर रहे हैं?
जवाब : फागिंग वाली सभी गाडि़यों में जीपीएस लगाने का आदेश दिया गया है। पता चल सकेगा कि गाड़ी किस वार्ड में कहां तक कवर कर रही है। इससे लोगों को भी दिक्कत नहीं होगी।
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मच्छरों ने जीना मुहाल कर रखा है। स्थिति यह है कि न कॉइल काम कर रहा और न स्प्रे। ऐसे में मच्छर डंक मार रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो डेंगू और मलेरिया तो होना ही है। निगम को इसके लिए कुछ करना होगा।
प्रेम सिंह
फागिंग तो होती ही नहीं है। अगर होती भी है तो मच्छरों को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सिटी के मच्छर उसके आदी हो गए हैं। उलटा हमारी परेशानी बढ़ गई है। मच्छरों पर किसी भी स्प्रे का असर नहीं हो रहा है।
मोनू