RANCHI: राजधानी से निकलने वाला कचरा कलेक्ट करने के साथ ही उसे हर हाल में आरएमएसडब्ल्यू को डिस्पोजल भी करना होगा। ऐसा नहीं करने पर एजेंसी को हटाने का विचार किया जा रहा है। इसे लेकर नगर विकास विभाग और रांची नगर निगम ने एजेंसी को आदेश जारी कर दिया है। साथ ही कहा गया है कि डंपिंग यार्ड में लगातार कचरा जमा होने से कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए तत्काल वेस्ट का डिस्पोजल शुरू कर दें। बताते चलें कि शहर में मेकेनाइज्ड क्लीनिंग के तहत सफाई का काम एस्सेल इंफ्रा की आरएमएसडब्ल्यू को दिया गया है।

सालों बाद डिस्पोजल की व्यवस्था नहीं

झिरी स्थित डंपिंग यार्ड में पूरे शहर से कचरा कलेक्ट करने के बाद डंप किया जाता है। हर दिन हजारों टन कचरा ले जाकर एजेंसी वहां जमा कर रही है। लेकिन सालों से जमा हो रहे इस कचरे के डिस्पोजल के लिए आजतक कोई व्यवस्था नहीं की गई। लेकिन अब वेस्ट डिस्पोजल को लेकर नगर विकास विभाग रेस हो गया है। वहीं रांची नगर निगम ने भी स्वच्छता सर्वे 2019 के लिए कमर कस ली है।

सूखे व गीले कचरे को करना है सेपरेट

आरएमएसडब्ल्यू के अधिकारियों को वेस्ट डिस्पोजल के लिए कड़ी चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही एजेंसी को कहा गया है कि गीले और सूखे कचरे को अलग करने के लिए बेल्ट लगाया जाए। इससे कचरा मशीन में डालने से पहले ही अलग हो जाएगा। वहीं दोनों कचरा का अलग-अलग डिस्पोजल किया जा सकेगा।

वेस्ट टू एनर्जी व वेस्ट टू कंपोस्ट का था प्रस्ताव

आरएमएसडब्ल्यू के साथ करार के समय रांची नगर निगम ने वेस्ट टू कंपोस्ट का प्रस्ताव दिया था। इसमें 12 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान लगाया गया था। इसके बाद वेस्ट टू एनर्जी का भी प्रस्ताव दिया गया। इसका खर्च 150-200 करोड़ होने की संभावना जताई गई थी। ऐसे में एजेंसी को काम से हटाने पर रांची नगर निगम से एजेंसी को लागत की 90 परसेंट राशि लौटानी थी। अब इस प्रस्ताव को भी खत्म कर दिया गया है। ऐसे में वेस्ट डिस्पोजल के लिए एजेंसी को अपना पैसा खर्च करना होगा।

वर्जन

एजेंसी को बार-बार कचरा डिस्पोजल के लिए कहा जा रहा है। इस बार रांची नगर निगम गंभीर है। एजेंसी को काम सुधारने के साथ डिस्पोजल करना अनिवार्य है। केवल एजेंसी बदलने से समस्या का समाधान नहीं होगा। चूंकि जो नई एजेंसी आएगी उसे भी काम संभालने में टाइम लगेगा। ऐसे में शहर की स्थिति फिर से खराब हो जाएगा।

आशा लकड़ा, मेयर, रांची