आई एक्सक्लूसिव

RANCHI (14 Nov): राजधानी में रहने वाले लोगों को अब अपने अपार्टमेंट या घर में दो डस्टबीन रखने होंगे, ताकि सालिड वेस्ट का बेहतर तरीके से डिस्पोजल किया जा सके। ऐसे में एक डस्टबीन ग्रीन होगी, जिसमें गीला कचरा रखना होगा जबकि दूसरी ब्लू डस्टबीन में सूखा कचरा जमा करना होगा। ऐसे में रांची नगर निगम के लोग गीला कचरा उठाकर डिस्पोजल के लिए ले जाएंगे। वहीं ड्राइ कचरे को आप स्क्रैप वाले को बेच भी सकते है। जल्दी ही रांची नगर निगम यह फरमान जारी करने जा रहा है।

 

डीसेंट्रलाइज कंपोस्टिंग नहीं तो कार्रवाई

रांची नगर निगम आडिटोरियम में निगम और क्रेडाइ की ओर से सेंट्रलाइज कंपोस्टिंग पर एक वर्कशॉप हुआ। इसमें ग्रीन टेक प्राइवेट लिमिटेड, रामकृष्ण मिशन और क्रेडाइ के प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन दिया। नगर आयुक्त डॉ। शांतनु कुमार अग्रहरि ने कहा कि सिटी के बल्क जेनरेटर्स (बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, लॉज और हॉस्टल) को क् माह के अंदर डीसेंट्रलाइज कंपोस्टिंग कराना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं चैंबर के अध्यक्ष ने भी अपने सदस्यों से जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया। साथ ही नगर आयुक्त को हरसंभव मदद करने का आश्वासन भी दिया।


 

24 घंटे में वेस्ट से बनेगा कंपोस्ट

सिटी मैनेजर स्वाति ने बताया कि ग्रीन टेक प्रा.लि। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर काम करती है। ऐसे में वह बल्क जेनेरेटर्स को मशीन भी उपलब्ध कराती है। जिससे कि ख्ब् घंटे में वेस्ट को कंपोस्ट बनाया जा सकता है। इन मशीनों को होटल, अपार्टमेंट और बैंक्वेट में इंस्टाल किया जा सकता है। जिसका खर्च लगभग फ्.भ्0 लाख आता है।


 

घर में लगा सकते हैं बायोगैस प्लांट

अगर आपके घर से हर दिन तीन किलो कचरा निकलता है, तो आप अपने घर में मिनी बायोगैस मशीन लगा सकते हैं, जिसका खर्च ख्भ् हजार रुपए है। वहीं, जिन घरों से कम कचरा निकलता है वे अपने घर में ही बायोगैस प्लांट लगा सकते हैं। इससे एक तो आपका कचरा डिस्पोजल हो जाएगा। वहीं बायोगैस से घर में खाना पकाने से फ्यूल का खर्च भी कम हो जाएगा।