RANCHI: रांची नगर निगम में चलने वाले ट्रैक्टरों को अपग्रेड करने का काम चल रहा है। इसके तहत कचरा ढोने वाले से लेकर फॉगिंग करने वाले ट्रैक्टर में भी जीपीएस लगाए जा रहे हैं। इससे डीजल की चोरी पर लगाम लगेगी। ऐसे में रांची नगर निगम का खर्च बचेगा वहीं काम में भी पारदर्शिता आएगी। बताते चलें कि गाडि़यों में डीजल भरवाने के नाम पर लाखों रुपए का डीजल घोटाला चल रहा था। इसका खुलासा तब हुआ जब तत्कालीन असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव ने अचानक से छापेमारी कर मामले को पकड़ा।

जितना चलेगा ट्रैक्टर, उतना मिलेगा डीजल

ट्रैक्टर के संचालन को लेकर एक एवरेज माइलेज तय किया गया है। इसके तहत एक लीटर में गाड़ी तय सीमा तक चलेगी। ऐसे में जीपीएस लगाए जाने के बाद ट्रैक्टर दिनभर में जितनी दूरी तय करेगी, उतना ही डीजल ट्रैक्टर के खाते में जुड़ेगा। इतना ही नहीं, खर्च के हिसाब से ही डीजल के बिल का भुगतान किया जाएगा। वहीं हर वार्ड को कवर करने में भी नगर निगम काम कर सकेगा।

एएमसी सिग्नेचर के बिना बिल पास नहीं

नगर निगम में गड़बडि़यों पर लगाम लगाने के लिए व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। इसके तहत अब सभी काम के लिए बिल अपर नगर आयुक्त के पास से होकर जाएगा। ऐसे में उनके सिग्नेचर के बिना डीजल का बिल पास नहीं होगा। वहीं गड़बड़ी होने की आशंका पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

कूपन का आधा भी नहीं भराते थे डीजल

गाडि़यों में डीजल भरवाने के लिए नगर निगम से कूपन जारी किया जाता था। इसके बाद संबंधित गाडि़यां पेट्रोल पंप से तेल भरवा लेती थीं। लेकिन ट्रैक्टरों में लगातार गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी। ऐसे में एक अधिकारी अचानक से औचक निरीक्षण के लिए निकल गए। जब वह पेट्रोल पंप पहुंचे तो पता चला कि 80 लीटर डीजल का कूपन काटा गया था । जबकि ट्रैक्टर में 30 लीटर ही डीजल भरवाया गया।

वर्जन

डीजल में गड़बड़ी की शिकायत के बाद सभी गाडि़यों में जीपीएस लगाने को कहा गया है। इससे मॉनिटरिंग करने में आसानी होगी। वहीं यह पता चल सकेगा कि गाडि़यां कहां जा रही हैं और किस-किस इलाके को कवर कर रही हैं। इससे भी व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी।

गिरिजा शंकर प्रसाद, अपर नगर आयुक्त, आरएमसी