RANCHI: रांची नगर निगम सिटी को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए हर महीने केवल डीजल पर 70 लाख रुपए खर्च करता है। वहीं स्टाफ्स और मेंटेनेंस पर भी इतने ही पैसे खर्च किए जाते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर महीने सफाई के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए फूंके जा रहे हैं। इसके बावजूद शहर की सफाई दुरुस्त नहीं हो पा रही है। स्थिति यह है कि इतना खर्च करने के बाद भी शहर में कचरे का अंबार लगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि शहर को साफ करने के लिए नगर निगम और कितना खर्च करेगा?

हेल्थ सेक्शन में चलती है 250 गाडि़यां

इतना ही नहीं, गाडि़यों के डीजल, स्टाफ्स व मेंटेनेंस पर करीब डेढ़ करोड़ खर्च के बाद एजेंसी को अलग से खर्च देना पड़ता है। पूरे शहर की सफाई की व्यवस्था देखने वाले नगर निगम के हेल्थ सेक्शन में 250 गाडि़यां चलती हैं। इसमें 150 गाडि़यां नगर निगम ने रेंट पर ले रखी है। वहीं 100 गाडि़यां नगर निगम की अपनी हैं। ऐसे में प्राइवेट गाडि़यों में भी डीजल भरवाने का काम नगर निगम करता है। वहीं अपनी गाडि़यों में भी डीजल की सप्लाई की जाती है।

एक गाड़ी को हर माह 430 लीटर डीजल

सफाई और स्वच्छता के लिए दौड़ने वाली 250 गाडि़यों को हर दिन डीजल नगर निगम की ओर से दिया जाता है। इसमें से एक गाड़ी को एवरेज 430 लीटर डीजल महीने में दिया जा रहा है। ऐसे में खर्च निकाला जाए तो पूरे महीने में एक गाड़ी को 27, 950 रुपए का डीजल फूंक दिया जाता है। फिर भी शहर को साफ करने में नगर निगम का पसीना छूट रहा है।

सिटी में फॉगिंग का नहीं दिख रहा धुआं

फॉगिंग के लिए नगर निगम के पास टोटल 15 गाडि़यां थीं। इसमें से एक के बाद एक छह गाडि़यां खराब हो गईं। इसके बाद नगर निगम के पास छह गाडि़यां बचीं। इसके अलावा वीआईपी इलाकों के लिए भी 3 गाडि़यां रिजर्व रखी गई हैं। दो महीने पहले तक फॉगिंग का रोस्टर बनाकर सभी इलाकों में फॉगिंग भी कराई गई। लेकिन गाडि़यों के खराब होने के बाद आजतक फॉगिंग का दोबारा रोस्टर ही नहीं बन पाया। इस वजह से सिटी के लोग मच्छरों के आतंक से परेशान हैं।

फैक्ट फाइल

430 लीटर एक गाड़ी को हर महीने

हर दिन डीजल का खर्च 2,33,333

107692 लीटर डीजल महीने में खर्च

70 लाख रुपए आता है डीजल का खर्च