RANCHI: शहर की सफाई में रांची नगर निगम हर महीने लाखों का डीजल खर्च कर रहा है। वहीं स्टाफ्स और गाडि़यों के लिए भी लाखों खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद सफाई का रिजल्ट जीरो है। ऐसे में पार्षद सफाई को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। वहीं सवाल कर रहे हैं कि जब इतना खर्च हो रहा है तो शहर की सफाई क्यों नहीं हो पा रही है। ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सिटी के कुछ पार्षदों से उनके विचार जानने की कोशिश की।

पार्षदों ने दी अपनी राय

नगर निगम न तो हमें मैनपावर दे रहा है और न ही गाडि़यां। ऐसे में सफाई तो दुरुस्त कर पाना मुश्किल है। अगर नगर निगम गाडि़यां उपलब्ध करा दे और वेस्ट कलेक्शन की व्यवस्था कर दी जाए तो दिक्कत नहीं होगी। लेकिन पूरा सिस्टम ही ध्वस्त है।

फिरोज आलम, पार्षद, वार्ड 44

नगर निगम ने जो गाडि़यां दी हैं, वो चलने लायक नहीं हैं। कुछ दिन चलने के बाद ही खराब हो जाती हैं। आखिर इतना खर्च दिखाया जाता है तो रिजल्ट क्यों नहीं दिखता। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केवल कागजों पर ही सफाई चल रही है।

नसीम गद्दी, पार्षद, वार्ड 45

सफाई के नाम पर नगर निगम केवल दिखावा कर रहा है। जितना पैसा सफाई के नाम पर निकाला जा रहा है उसके हिसाब से शहर में सफाई नहीं है। सफाई के नाम पर केवल दिखावा चल रहा है। निगम को इसपर गंभीर होने की जरूरत है।

अर्जुन यादव, पार्षद, वार्ड 10

हमलोग सफाई के लिए खुद से नजर रखते हैं। लेकिन नगर निगम से हमें संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं। जो संसाधन पहले से हैं उसकी भी हालत खराब है। आखिर नगर निगम इतना खर्च करने के बाद भी शहर को साफ नहीं कर पाए तो कुछ कहा नहीं जा सकता।

जमीला खातून, पार्षद, वार्ड 49