क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रांची नगर निगम ने सिटी में साफ-सफाई की कमान भले ही अपने हाथों में ले ली हो, लेकिन नगर निगम के पास साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पर्याप्त रिसोर्स ही नहीं है. नतीजन, शहर की स्थिति दिनों दिन नर्क जैसी होती जा रही है. सफाई के दावे करने वाले नगर निगम के अधिकारी भी गहरी नींद में हैं. यही वजह है कि कई इलाकों में होली के बाद से कचरे का उठाव नहीं हो पाया है. अगर जल्द ही कचरे का उठाव नहीं होता है तो कई तरह की बीमारियां फैलने का भी खतरा बढ़ गया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब रिसोर्स ही नहीं है तो क्या सफाई व्यवस्था फिर से आउटसोर्स हो जाएगी?

गाडि़यां मिलेंगी तो सुधरेगी व्यवस्था

सिटी में सफाई का काम देख रही एसेल इंफ्रा की आरएमएसडब्ल्यू कंपनी के टर्मिनेशन का लेटर नगर विकास विभाग को भेज दिया गया है. ऐसे में जबतक एजेंसी गाडि़यां नगर निगम को हैंडओवर नहीं करती है तब तक नगर निगम को अपने रिसोर्स से ही सफाई करानी होगी. नगर निगम के पास अपनी गाडि़यां सभी वार्डो को कवर करने के लिए काफी नहीं हैं. अब तो एजेंसी से गाडि़यां मिलने के बाद ही सिटी की सफाई व्यवस्था सुधरेगी. बताते चलें कि टर्मिनेशन के बाद नगर निगम को एजेंसी से 166 गाडि़यां मिल जाएंगी.

आज एक तो कल दूसरे मोहल्ले से उठ रहा कूड़ा

रांची नगर निगम के अंतर्गत 53 वार्ड आते हैं, जिसमें एक लाख 70 हाउस होल्डर्स हैं. जहां से हर दिन 500 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. इस बीच एजेंसी को हटाने के बाद रांची नगर निगम ने सफाई की कमान अपने हाथों में ले ली है. लेकिन वार्ड में रेगुलर वेस्ट कलेक्शन का काम ही ठप पड़ गया है. अगर गाडि़यां एक मोहल्ले से कचरा उठाती है तो दूसरे मोहल्ले में उस दिन कचरे का उठाव नहीं होता.