पार्टी प्रत्याशी के साथ मैदान में उतरे बड़े नेता

स्लग: मंत्री से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पार्टी सुप्रीमो व पूर्व डिप्टीमेयर भी बहा रहे पसीना

-पार्टी नेताओं की टीम का अनुभव और एजेंडा लेकर चुनावी वार

-पार्टी प्रत्याशियों के थिंक टैंक बना रहे एजेंडा, अपना रहे नए हथकंडे

-चुनावी खर्च, लुभावने वादों, आकर्षक होर्डिंग्स समेत मीडिया कवरेज तक की बन रही लिस्ट

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RANCHI( 01 April): नगर निकाय चुनाव प्रचार के साथ ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन, अर्जुन मुंडा, पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय, पूर्व उपमुख्यमंत्री सह गृहमंत्री सुदेश महतो समेत पूर्व डिप्टी मेयर अजयनाथ शाहदेव खुलकर सामने आ गए हैं। पार्टी प्रत्याशी तेजी से अपनी पैठ इलाके में बढ़ाने के प्रयास में लगे हैं और इस बार सबसे मजबूत हथकंडा पार्टी के कद्दावर नेताओं का चुनावी संरक्षण माना जा रहा है।

पहली बार दलगत चुनाव

विभिन्न दलों से जुड़े जनप्रतिनिधि अपने अनुभव और स्वच्छ छवि का फायदा निकाय चुनाव के प्रत्याशियों को पहुंचाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। पार्टी फंड से लेकर तमाम प्लानिंग पर काम तेज कर दिया गया है और लोगों के बीच अपनी दावेदारी का ताल ठोंक कर वोट मांगे जा रहे हैं। लोगों पर भी इसका प्रभाव साफ देखने को मिल रहा है। दलगत चुनाव होने के कारण प्रत्याशियों को पार्टी का कैडर वोट मैनेज करने की जद्दोजहद से छुटकारा मिल गया है।

1. भाजपा के सीटिंग प्रत्याशी के साथ पूरी सरकार

भाजपा की सीटिंग मेयर प्रत्याशी आशा लकड़ा व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के साथ तो पूरी की पूरी सरकार ही खड़ी है। संजीव के नाम का टिकट काटने के लिए पार्टी के कई स्थानीय लोग भिड़े, लेकिन आलाकमान ने आखिरकार उन्हीं पर विश्वास जताया। सरकार की हाईलेवल कई मीटिंग चलीं। बैठकों के दौर में कई कयास लगे, लेकिन सीएम और संघ के निर्णय के बाद इन्हें ही पार्टी ने अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया। हालांकि, चुनाव आयोग के नियमों की बंदिशें भी काफी हैं। इन सबकेबावजूद भी रांची सीट से विगत 15 वर्षो से एकमात्र कद्दावर विधायक सह कैबिनेट मंत्री सीपी सिंह चुनावी कमान पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। महानगर कमिटी में भरे लाख विरोधियों के बावजूद पार्टी के सम्मान के लिए दोनों प्रत्याशियों को भरपूर समर्थन मिल रहा है।

2. कांग्रेस की कमान सुबोध, अजय को

रांची के पूर्व सांसद सह कैबिनेट मंत्री सुबोधकांत सहाय और लोगों के बीच अपनी खास पहचान के लिए जाने वाले पूर्व उपमहापौर अजयनाथ शाहदेव कांग्रेस की कमान संभाल रहे हैं। अजयनाथ शाहदेव मेयर पद के दावेदार अजय तिर्की और डिप्टी मेयर पद के प्रत्याशी राजेश गुप्ता के साथ डोर टू डोर कैम्पेन में भी कई इलाकों में देखे जा रहे हैं। चुनाव जीतने की अपनी रणनीति के तहत अजयनाथ शाहदेव पार्टी प्रत्याशियों को लाभ पहुंचाने के लिए खुल कर मैदान में आ चुके हैं। वहीं, सुबोधकांत सहाय भी भीतरखाने से अपने समर्थकों के लिए जोर लगा रहे हैं।

3. झामुमो की वर्षा व चुन्नू के साथ मजबूत विपक्ष

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पार्टी सुप्रिमो शिबू सोरेन समेत झामुमो के शीर्ष नेताओं के संरक्षण में चुनाव लड़ रही वर्षा गाड़ी और चुन्नू खान को राज्य के मजबूत विपक्षी पार्टी होने का लाभ मिल रहा है। सत्ता से परेशान लोगों के लिए हेमंत और उनकी पार्टी ही विकल्प के तौर पर मजबूती के साथ खड़ी दिखाई देती है।

4. आजसू को सशक्त बनाने में सुदेश के सपने भी बड़े

सुदेश महतो। झारखंड की राजनीति का जाना-पहचाना नाम है। हालांकि, इस बार अपनी सीट गंवा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष हैं और आजसू को सशक्त बनाने के लिए दृढ़ प्रयासरत भी हैं। निकाय चुनाव में सुदेश ने मेयर के लिए कुमुद रंजीता सिंह मुंडा और डिप्टी मेयर के लिए मुनचुन राय पर किस्मत आजमाने का फैसला लिया है। सुदेश, देवशरण भगत समेत कई अनुभवियों की कतार दोनों प्रत्याशियों के लिए हथकंडे बनाने में जुटी है।

5. बाबूलाल के निर्देशों पर कमर कस रहे प्रत्याशी

झाविमो के मेयर प्रत्याशी शिवा कच्छप और डिप्टी मेयर प्रत्याशी उत्तम यादव को बाबूलाल मरांडी का सीधा संरक्षण है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल को काफी लोकप्रिय नेता माना जाता है। झारखंड के शीर्ष नेताओं की गिनती में रहने वाले बाबूलाल मरांडी भी नगर निकाय चुनाव में अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित कराने में लगे हैं।