RANCHI : रांची पुलिस ने मंगलवार को तुपुदाना ओपी के डुंडीगढ़ा स्थित डाबर खान के मकान से डेटोनेटर, जिलेटिन, वर्दी, टोपी, दो जिंदा कारतूस, नक्सली लेटर पैड, यूरिया और व्यवसायियों की लिस्ट वाली डायरी बरामद की है। छापेमारी के बाद से डाबर खान फरार है। तुपुदाना एरिया में पीएलएफआई के नक्सलियों के जमा होने की सूचना एसएसपी प्रभात कुमार को किसी शख्स ने फोन कर दी थी। हटिया डीएसपी राधा प्रेम किशोर और धुर्वा थाने के इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह के नेतृत्व में जब पुलिस छापेमारी के लिए पहुंची तो नक्सली फरार हो गए। इसके बाद सर्च ऑपरेशन के दौैरान पुलिस ने विस्फोटक समेत कई सामान बरामद किए।

तुपुदाना इलाके में नक्सली धमक

यह पहला मौका नहीं है,जब तुपुदाना इलाके से विस्फोटक बरामद हुए हैं। पहले भी कई बार पीएलएफआई के खिलाफ पुलिस का इस इलाके में ऑपरेशन चला है। दरअसल सिंह मोड़ से तुपुदाना तक पीएलएफआई की पकड़ मजबूत होती जा रही है.नक्सलियों के कब्जे में यह इलाका है। पीएलएफआई का जिदन गुडि़या दस्ता इस इलाके मे गिरोह का विस्तार कर रहा है। 25 से ज्यादा ऐसे नक्सली इस इलाके में अपना घर बना चुके हैं तो कई नक्सली नाम व अड्रेस बदलकर यहां किराएदार के तौर पर रह रहे हैं। वे यहीं रहकर व्यवसायियों से लेवी वसूली का भी धंधा कर रहे हैं।

छिपाकर रखा गया है बारुद

पुलिस को आशंका है कि इस इलाके में कई लोग बारुद के धंधे में लिप्त हैं। वे गुप्त स्थान में भारी मात्रा में बारुद को छिपाकर रखे हुए हैं। बारुद की बरामदगी को लेकर पुलिस संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इस साल सात मई की रात डुंडीगढ़ा इलाके में स्थित एक गोदाम से पुलिस बारुद की खेप बरामद की थी।

नक्सलियों को बारुद सप्लाई

मिली जानकारी के मुताबिक, जिन इलाके में क्रशर है, वहां के कई घरों में बारुद रखा जाता है। सप्लायर्स बंद खदानों के नाम से बारुद लाते हैं और फिर नक्सली व आपराधिक संगठनों को सप्लाई कर देते हैं। इस साल जनवरी में तुपुदाना से एक व्यक्ति को भारी मात्रा में डेटोनेटर के साथ पुलिस ने पकड़ा था। पिछले दिनों तमाड़ एरिया में पुलिस ने बारुद की खेप बरामद की थी। छानबीन के दौरान पता चला कि बारुद नक्सलियों को सप्लाई की जानी थी। तुपुदाना में ही पुलिस ने बारुद के कारोबार से जुड़े सन्नोवर खान को गिरफ्तार किया था।

मछली वाली गाड़ी से आता है बारूद

पुलिस इन्वेस्टीगेशन में यह बात सामने आई है कि झारखंड में बारूद की खेप आंध्रप्रदेश से मछली वाली गाड़ी से लाई जाती है। इस गाड़ी में कार्टून में बारुद रखा जाता है और उसके ऊपर मछली लाद दिया जाता है। यही वजह है कि चेकनाका पर जांच के दौरान मछलीवाली गाड़ी से बारुद लाने की बात पता नहीं चल पाती है और बारुद कारोबारी अपना धंधा चलाते रहते हैं।

छह रूपए में एक पीस मिलता है डेटोनेटर

बताया जाता है कि डेटोनेटर आंध्रप्रदेश के चांदखोल और तेलांगना (जाजपुर) में बहुत सस्ते में मिलता है। इसलिए, यहां के सप्लायर्स भी वहीं से डेटोनेटर की खरीदारी करते हैं। डेटोनेटर के साथ पकड़े गए रविशंकर पांडेय उर्फ डमरू पांडेय ने पुलिस को बताया था कि वह छह रूपए में एक डेटोनेटर खरीदता था और सनोवर खान को 13 रूपए में बेचता था। सनोवर खान उस डेटोनेटर को 25 रूपए में नक्सलियों को सप्लाई करता था।