RANCHI: अपराधियों पर नकेल कसने के लिए झारखंड में जेल और पुलिस की मॉनिटरिंग सिस्टम को एक कर दिया गया है। सेंट्रल होम मिनिस्ट्री से एनओसी लेने के बाद जेल के इंटर ऑफ रेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम यानी आईसीजेएस के जरिए अपराधियों की जानकारी लेने के लिए जिलों के एसपी को भी यूजर और पासवर्ड दिए गए हैं।

जेल अधीक्षकों को निर्देश

राज्य के विभिन्न जेलों में बंद अपराधियों के पहले के अपराधिक इतिहास को भी आईसीजेएस सिस्टम में अपडेट किया जा रहा है। गृह मंत्रालय की ओर से सभी जेल अधीक्षकों को यह आदेश दिया गया है कि अपने अधीन जेलों में अपराधियों की पूरी जानकारी उनके पूर्व का आपराधिक इतिहास पुलिस के सहयोग से अपडेट करें। डाटा अपडेट होने के बाद पुलिस को किसी भी अपराधी के बारे में पूरी जानकारी एक क्लिक से मिल पाएगी।

सभी एसपी को लिखा पत्र

झारखंड सरकार के गृह विभाग ने आदेश जारी कर सभी जिलों के एसपी को एक पत्र भेजा है। पत्र के जरिए सभी एसपी को आदेश दिया गया है कि वे अपने अधीन सारे थानों को जानकारी दें कि किसी भी अपराधी के खिलाफ एफआईआर, गिरफ्तार होने पर इसकी तत्काल जानकारी आईसीजेएस सिस्टम में अपडेट करवाएं। इसके अलावा अपराधी के पूर्व के क्रिमिनल रिकॉर्ड को भी केस डायरी में संलग्न करें। केस डायरी में अपराधी का पूर्व रिकॉर्ड लिखना भी अनिवार्य है।

अपडेट करें क्रिमिनल रिकॉर्ड

पत्र में यह भी लिखा गया है कि आपराधिक मामले में कोर्ट में जमानत याचिका दायर होने के बाद केस के आईओ को आरोपी के आपराधिक इतिहास की जानकारी भी देनी होगी। जमानत पर सुनवाई के पहले कोर्ट में दिए जाने वाले केस डायरी में अपराधी के रिकॉर्ड को लिखित रूप में देना है। वहीं सभी जिलों के जेल अधीक्षकों को भी आदेश दिया गया है कि पुलिस की ओर से जब भी किसी की अपराधिक इतिहास की मांग की जाए तो उसे तत्काल उपलब्ध करवाएं।