RANCHI : ऑनलाइन-ऑफ लाइन के फेर में सैकड़ों घरों के नक्शे फंसे पड़े हैं। सिटी आसपास क्षेत्रों का विकास करने की जिम्मेवार संभालने वाले आरआरडीए में ऑनलाइन और ऑफ लाइन के चक्कर में कई नक्शे अटके पड़े हैं। बहुत सारे लोगों ने ऑनलाइन नक्शा के लिए अप्लाई किया है और जब ऑफ लाइन डॉक्यूमेंट वेरिफि केशन किया जा रहा है तो दोनों में मिलान नहीं हो पा रहा है। इस कारण करीब 300 से अधिक नक्शे फं से पड़े हैं और पास नहीं हो पा रहे हैं। नक्शा पास नहीं होने के कारण बार-बार लोग ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं।

अप्लाई कुछ, डॉक्यूमेंट कुछ

आरआरडीए के वाइस प्रेसिडेंट राजकुमार चौधरी ने बताया कि बहुत सारे लोगों ने ऑनलाइन नक्शा पास करने के लिए आवेदन जमा किया है। ऑनलाइन आवेदन के बाद सभी लोगों का ऑफ लाइन डॉक्यूमेंट वेरिफि केशन किया जाता है। लेकिन जो लोग ऑनलाइन डॉक्यूमेंट अपलोड करते हैं उसका ऑफ लाइन में मिलाने पर मैच नहीं हो पाता है। कई डॉक्यूमेंट अलग-अलग डाले होते हैं। इस कारण नक्शा पास करने में परेशानी हो रही है। सही कागजात नहीं मिलने के कारण समय पर नक्शा पास होने में परेशानी हो रही है।

आर्किटेक्ट से छीना अधिकार

राजधानी और आसपास के इलाकों में जी प्लस टू तक निजी घर बनाने वालों का नक्शा पास करने में परेशानी हो रहा है। ऑर्किटेक्ट से भी नक्शा पास करने का अधिकार छीन जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। नगर निगम और प्राधिकार की कार्यशैली से परेशान लोगों को पिछले वर्ष मई 2017 में राहत मिली थी। जब 500 मीटर के भूखंड पर जी प्लस टू तक के भवन का नक्शा पास कराने का अधिकार ऑर्किटेक्ट को दे दिया गया था। मात्र 9 माह तक ऑर्किटेक्ट ने अपनी लॉगिन से निजी घरों का नक्शा पास किया। लेकिन, इसी वर्ष फरवरी में नगर निगम और आरआरडीए के टाउन प्लानिंग सेक्शन को पूरी तरह ऑनलाइन करने की घोषणा के बाद ऑर्किटेक्ट द्वारा नक्शा पास करने पर रोक लगा दी गई, इसके बाद से निजी घरों का नक्शा पास कराने वालों की परेशानी बढ़ गई।

वर्जन

ऑनलाइन नक्शा पास करने के लिए आवेदन जमा किया है। इसके बाद ऑफ लाइन डॉक्यूमेंट वेरिफि केशन किया जाता है। लेकिन जो लोग ऑनलाइन डॉक्यूमेंट अपलोड करते हैं उसको ऑफ लाइन में मिलाने पर मैच नहीं हो पाता है। इसलिए नक्शा पास होने में देरी हो रही है।

राजकुमार चौधरी, वाइस चेयरमेन, आरआरडीए