RANCHI ट्ठ रांची यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन होंगे अथवा नहीं, इसपर सस्पेंस बना हुआ है। दरअसल, यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ही इलेक्शन कराने को लेकर गंभीर नहीं है। न तो वह इसकी कोई तैयारी कर रही है और न ही वह इसे लेकर संवेदनशील है। इतना ही नहीं, तमाम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस भी अपना रुख नहीं तय कर पाए हैं। इसी का नतीजा है कि बार-बार घोषणाओं के बाद भी पिछले दो सालों से स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन टलता आ रहा है, जबकि हर साल यह इलेक्शन होने का प्रावधान है।

तारीख तय होने के बाद तय करेंगे एजेंडा

छात्र चुनाव को लेकर कोई विशेष एजेंडा नहीं है। जब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हो जाता है, तब तक एजेंडा तैयार करना उचित नहीं होगा। वैसे मुख्य एजेंडा एकेडमिक सेशन को लेकर है। सेशन लेट होने की वजह से यहां के स्टूडेट्स का अच्छे संस्थानों में एडमिशन नहीं हो पाता है। इसके अलावा कई कॉलेजों की जमीन को लेकर विवाद अदालत में चल रहा है। शिक्षकों की कमी है और शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर हमेशा ही जेपीएससी सवालों के कटघरे में खड़ा रहा है। इन्हीं मुद्दों को लेकर इलेक्शन में जाएंगे।

-गौतम सिंह

प्रदेश अध्यक्ष, छात्र आजसू

यूनिवर्सिटी ही नहीं चाहता इलेक्शन हो

छात्र संगठन के चुनावों को लेकर सबसे पहले तो यूनिवर्सिटी प्रबंधन की नीतियां ठीक नहीं है। साथ ही अन्य छात्र संगठन भी नहीं चाहते हैं कि चुनाव हो। अब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है, जो इसका दुखद पहलू है। यूनिवर्सिटी के वीसी खुद नहीं चाहते हैं कि चुनाव हों। यूनिवर्सिटी सिर्फ नाम की यूनिवर्सिटी रह गई है। छात्र संघ के चुनाव को लेकर गंदी राजनीति हो रही है जिसमें प्रबंधन की भूमिका तो है ही साथ ही कई छात्र संगठन जो सत्ता पर काबिज हैं, वो भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।

- पूजा सिंह

वाइस प्रेसिडेंट, एबीवीपी

एग्जाम और रिजल्ट समय पर निकले

प्रवेश, परीक्षा और परिणाम समय पर हो, यह मुद्दा सबसे ज्यादा है। । वहीं आरयू कैंपस में एक ही बैंक की शाखा है जरूरत हैं कि पीजी शाखा में भी एक बैंक की ब्रांच खोली जाए। साथ ही कैंटीन खोलने की बात हुई थी लेकिन वो अब तक नहीं खुल पाई है। आरयू में कैंपस प्लेसमेंट की जो नीति है वह काफी बेकार है। कोई भी व्यक्ति प्रोफेशनल कोर्स पर बड़ी रकम खर्च करता है, लेकिन दस हजार रूपये की नौकरी के लिए दिल्ली, बेंगलुरु में जाना पड़ता है। कई नई भाषाओं की पढ़ाई भी शुरू होनी चाहिए। साथ ही यूनिवर्सिटी पूरी तरह से वाई फाई नहीं हुइ है, जिससे छात्रों में काफी निराशा है।

- गोपाल दूबे

प्रदेश सह कार्यालय मंत्री, एबीवीपी

इलेक्शन होने से स्टूडेंट्स का सधेगा हित

झारखंड छात्र मोर्चा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। चुनाव स्वच्छ माहौल में कराये जाएं। आरयू प्रबंधन की ओर से छात्र संघ के चुनाव लगातार टालने का प्रयास किया जा रहा है, जो एक गलत परंपराओं की शुरूआत है। स्टूडेंट की कई प्रकार की समस्याएं होती हैं जिसे लेकर छात्र संगठन आन्दोलन करते हैं। नवंबर महीने में अगर चुनाव हो जाता है तो छात्रों के बीच एक अच्छा मैसेज जाएगा।

- तनुज खत्री

झारखंड छात्र मोर्चा